आपको बता दें कि राष्ट्रपति अब्बास की यह टिप्पणी येरूशलम ( Jerusalem ) के वेस्ट बैंक के नजदीक बनी फिलीस्तीनी इमारतों को इजराइल द्वारा तोड़े ( homes demolished ) जाने के बाद आई है। इजराइल ने इन इमारतों को अवैध बताते हुए नष्ट कर दिया था, जिसके बाद फिलीस्तीन ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई थी।
इजरायल की ओर से कोई जवाब नहीं
मीडिया में आई शुक्रवार की रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब्बास ने कहा कि निर्णय को किस तरह लागू किया जाएगा, इसकी देखरेख के लिए एक समिति बनाई जाएगी।
आपको बता दें कि बीते 25 वर्षों में दोनों पक्षों के बीच सुरक्षा सहयोग समेत कई अन्य समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। फिलीस्तीन ने इन्हीं समझौतों को रद्द करने का ऐलान किया है। हालांकि, इजरायल ने अभी तक इस कदम का जवाब नहीं दिया है।
इजराइल की बड़ी कार्रवाई, येरुशलम में तोड़े फिलीस्तीनियों के घर
गहरा रहा है इजराइल और फिलीस्तीन के बीच तनाव
सुर बहर में इमारतों के विध्वंस के बाद इजराइल और फिलीस्तीन के बीच तनाव काफी गहरा चुका है। इजराइल के हाईकोर्ट ने कहा था कि यह निर्माण उसके वेस्ट बैंक के बैरियर के काफी करीब किया गया था। इजराइल द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद विश्वस्तर पर उस आलोचना झेलनी पड़ी है। इस कार्रवाई ने 17 लोगों को बेघर कर दिया है।
अब्बास के फैसले का स्वागत
दूसरी ओर, इस्लामिक हमास आंदोलन ने अब्बास के फैसले का स्वागत करते हुए इसे ‘सही दिशा में कदम’ कहा। हमास ने यह भी कहा, ‘फिलीस्तीनी लोग इस कार्रवाई को एक संयुक्त सहमति योजना के तहत जल्द से जल्द लागू कराने को तत्पर हैं।’