नकली खाद पकड़े जाने के बाद से आशंकित हैं किसान
ऐसा पहली बार हुआ है जब पुलिस ने इतने बड़े पैमाने पर नकली खाद पकड़ी है। 16 अक्टूबर से लेकर अब तक 5 दिनों में की गई सिलसिलेवार कार्रवाईयों के दौरान न सिर्फ बड़ी मात्रा में नकली खाद बरामद की गई बल्कि पकड़े गए कुल 12 आरोपियों से की गई पूछताछ में जो मिलावट को लेकर जो खुलासे हुए हैं उसने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। वे खाद को लेकर काफी आशंकित नजर आ रहे हैं।
–
ऐसे करें असली और नकली उर्वरक की पहचान
उर्वरक : सुपर फास्फेट
तरीका : सुपर फास्फेट के कुछ दानों को गर्म कर दिया जाए और वे फूलते नहीं हैं तो समझ लीजिए कि ये असली सुपर फास्फेट है। लेकिन ध्यान दें कि गर्म करने पर डीएपी के दाने फूल जाते हंै, तो समझ लें यह दाने सुपर फास्फेट के नहीं हैं।
–
उर्वरक : डीएपी
विधि : डीएपी केे कुछ दानों को हाथ में लेकर तम्बाकू की तरह मसलें और उसमें चूना मिलाएं। यदि उसमें से तेज गंध निकले, जिसे सूंघना मुश्किल हो तो ये असली डीएपी होता है।
दूसरी विधि के तहत डीएपी के कुछ दाने धीमी आंच पर तवे पर गर्म करते समय दाने फूल जाएं तो ये असली डीएपी होता है। यह ध्यान रखें कि कि डीएपी के दाने कठोर, भूरे, काले और बादामी रंग के होते हैं।
–
उर्वरक : यूरिया
तरीका : पहली विधि- यूरिया पानी में पूरी तरह से घुल जाती है। इस घोल को छूने पर ठंडा महसूस होता है। दूसरी विधि- यूरिया को तवे पर गर्म किया जाए, तो इसके दाने पिघल जाते हैं। अगर आंच तेज कर दी जाए और इसका कोई अवशेष न बचे, तो समझ लीजिए कि ये असली यूरिया है।
–
उर्वरक : पोटास
तरीका : पहली विधि-पोटास के दानों पर पानी की कुछ बूंदें डालें, यदि ये आपास में चिपकते नहीं हैं, तो ये असली पोटाश है। दूसरी विधि के अनुसार पोटाश जब पानी में घुलता है तो इसका लाल भाग पानी में ऊपर तैरता रहता है। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पोटास सफेद नमक और लाल मिर्च के मिश्रण जैसा होता है।
–
सोसायटियों पर खाद नहीं, गोदामों पर 2-3 दिन तक डेरा
खरीफ के बाद रबी सीजन की तैयारी में किसान जुट जाता है। यह जानकारी शासन-प्रशासन को पहले से है। इसके बावजूद न तो सही समय पर जिले में पर्याप्त खाद उपलब्ध हो सकी है और न ही वितरण केंद्र बनाए गए। जब गोदामों पर लंबी-लंबी कतारों के बीच खाद के लिए किसानों की मारामारी मची तब जाकर प्रशासन हरकत में आया और आनन फानन में 47 वितरण केंद्र घोषित कर दिए गए। इनमें 7 राज्य विपणन संघ के तथा 40 प्राथमिक सहकारी समितियों को अधिकृत किया गया। लेकिन अगले 4 दिनों में सभी वितरण केंद्रों पर खाद नहीं पहुंच सका। प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि बुधवार तक सिर्फ 16 सहकारी समितियों पर ही खाद पहुंच सका है। शेष केंद्रों पर खाद पहुंचने में दो से तीन दिन लगने की बात कही गई। गुरुवार को जिला मुख्यालय स्थित नानाखेड़ी मंडी वितरण केंद्र पर किसानों की बहुत लंबी लाइन लगी हुई थी। कुछ किसान ऐसे भी मिले जो पिछले दो से तीन दिनों से यहां डेरा जमाए हुए हैं लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल पाया है। कुछ किसान ऐसे भी थे जिन्होंने लंबी लाइन की परेशानी से बचने अपनी जमीन की किताबों को लाइन में रख दिया था।
–
सर्वर की समस्या ने परेशानी दोगुनी की
पत्रिका की शहर व अंचल की टीम ने गुरुवार को विभिन्न वितरण केंद्रों पर जाकर जायजा लिया। इस दौरान सामने आया कि पूरे बमोरी ब्लॉक पर एक मात्र बाघेरी वितरण केंद्र पर खाद उपलब्ध है। जहां पूरे इलाके के किसान खाद लेने पहुंच रहे हैं। इसलिए किसानों की संख्या बहुत सैकड़ों से हजारों में पहुंच रही है। जिला मुख्यालय के नानाखेड़ी व बमोरी बाघेरी सेंटर पर सर्वर की समस्या सामने आई है। किसानों का कहना है कि पीओएस मशीन में कभी भी सर्वर चला जाता है जिससे एक किसान को खाद वितरण की पूरी प्रक्रिया अंजाम देने में ही 10 मिनट से ज्यादा का समय लग रहा है। किसानों की मांग है कि यदि समसय को देखते हुए यह प्रक्रिया मैन्युअल कर दी जाए तो किसानों की परेशानी कम हो जाएगी।
–
उर्वरक की रेट (50 किग्रा पैकिंग)
डीएपी : 1200
एनपीके (12: 32:16 ) : 118 5
एनपीके (10: 26 :26 ) : 1175
एएसपी (10: 26 :26 ) : 1150