सूत्रों ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछली बार गुना नगर पालिका भले ही दूसरी नगर पालिकाओं से आगे रही हो, लेकिन कम अंक लाने की वजह से वह न बर वन नहीं बन पाई थी। एक बार फिर केन्द्रीय शहरी एवं आवासीय मंत्रालय द्वारा देश भर में स्वच्छता सर्वेक्षण प्रतियोगिता कराई जा रही है। इस प्रतियोगिता में गुना शहर 266 वे रैंक पर आई थी। फाइनल सर्वे को लेकर दिल्ली की मिनिस्ट्री अर्बन एण्ड हाउसिंग अफेयर्स की सर्वे टीम इस माह में कभी भी सर्वे करने आ सकती है।
जनता पर दारोमदार
स्वच्छता सर्वेक्षण में नम्बर वन पर आने की नपा ने पूरी तैयारी कर ली है। उसने हाल ही में गदंगी फैलाने वालों के लिए जुर्माना राशि भी निर्धारित कर दी है। लेकिन जनता के बीच जाकर अग्नि परीक्षा होगी। इसमें सीधे तौर पर लोगों को मिलने वाली सुविधा, स्वच्छता को लेकर जमीनी हकीकत आम लोगों से ही जानी चाहिए। इसी पैमाने पर नम्बर तय किए जाएंगे।
ऐसे तय किए नम्बर
सूत्र बताते हैं कि सर्वेक्षण के लिए चार हजार न बर तय किए हैं जिनमें 1400 नगर पालिका से मिलने वाली सुविधा, 1400 लोगों के फीडबैक और 1200 अंक अन्य सेवाओं पर जिसमें ओडीएफ और एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, व्यवहार परिवर्तन, डोर-टू डोर कचरा संग्रहण-कचरे का वैज्ञानिक निपटारा, पारिवारिक शौचालय शामिल हैं, सर्वे के बाद नपा को लाना होंगे।
फैक्ट फाइल
आबादी करीब पौने दो लाख, ग्रामीण क्षेत्र मिलाकर साढ़े तीन लाख।
गुना शहर बंटा है 37 वार्डो में
सफाई के लिए नियुक्त हैं सवा चार सौ कर्मचारी
डोर-टू डोर कचरा वाहन दस
एक बड़ा कंटेनर
एक कंटेनर लिफ्टर
लोगों का सहयोग चाहिए
शहर को नम्बर वन पर लाने के लिए नगर पालिका पूरे प्रयास कर रही है। साफ-सफाई के लिए सिस्टम बनाकर लागू कर दिया है, जिसके लिए जुर्माना राशि भी तय कर दी है। जनता को चाहिए कि वह इसमें सहयोग करे और क्षेत्र में साफ-सफाई रखवाए।
– राजेन्द्र सलूजा नपा अध्यक्ष, गुना