यही कारण है कि लगातार लोग घटनाओं का शिकार होते चले जा रहे हैैं। जिसका ताजा उदाहरण रविवार सुबह शहर के गुलाबगंज इलाके मेें सामने आया है। बताया जाता है कि यहां रहने वाली एक महिला आरती ओझा किसी काम से अपनी छत पर गई उसी दौरान वह ऊपर से निकली हाइटेंशन लाइन का शिकार हो गई और उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई।
यहां बता दें कि शहर के रिहायशी इलाकों में हाइटेंशन लाइन से अब तक आधा दर्जन से अधिक लोग शिकार हो चुके हैं। जिनमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है। इनमें एक मामला राष्ट्रपति के भाई के परिवार से जुड़ा है। जिसमें एक मासूम बच्चे की मौत हो गई थी। तत्समय खुद राष्ट्रपति भी यहां आए थे।
इस दौरान कॉलोनीवासियों ने राष्ट्रपति से की गई शिकायत में बताया था कि उनके घर व छत के नजदीक से हाइटेंशन लाइन निकली है, जिसे अन्य जगह स्थानांतरित करवाया जाए। लोगों की शिकायत पर राष्ट्रपति ने भी तत्कालीन कलेक्टर को समस्या निराकरण के लिए निर्देशित किया था। लेकिन तब से लेकर आज तक इस समस्या को लेकर न तो स्थानीय प्रशासन ने ध्यान दिया है और न ही बिजली कंपनी के अधिकारियों ने सुरक्षा इंतजामों को लेकर कोई कदम उठाया है।
इस इलाके में सबसे अधिक खतरा
शहर के रेलवे स्टेशन रोड पर बिजली कंपनी का पावर हाउस स्थित है। यहां से ग्राम सिंगवासा, मावन सहित अन्य गांवों के लिए हाइटेंशन लाइन गई है। गौर करने वाली बात है यह लाइन जिस समय डाली गई थी उस दौरान लाइन के आसपास कोई घर नहीं बने थे।
लेकिन बाद में कॉलोनाइजरों ने अपना फायदा देखते हुए कहीं भी सस्ते दामों पर प्लाट काट दिए। जिसका हर्जाना अब लोगों को हाइटेंशन लाइन का टेंशन झेलकर उठाना पड़ रहा है। यहां बता दें कि पावर हाउस से एक नहीं बल्कि तीन तीन हाइटेंशन लाइनें निकली हैं जो इस क्षेत्र के बड़े एरिये को कवर करती हुई मावन गांव तक गई है। इस बीच इलाके में कई लोगों के घर तो ऐसे हैं जहां घरों के अंदर तक खंभे लगे हुए हैं।
घर और स्कूल हाइटेंशन की रेंज में
शहर के कई इलाकों से गुजरी हाइटेंशन लाइन की रेंज में न सिर्फ लोगों के घर आ रहे हैं बल्कि कई सरकारी व निजी स्कूल भी इसकी चपेट में हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि पावर हाउस के पास घोसीपुरा क्षेत्र मेें एक निजी स्कूल है। जहां पुताई करते समय एक कर्मचारी हाइटेंशन लाइन का शिकार होकर घायल हो गया था। वहीं दूसरी घटना दिवाली से पहले बांसखेड़ी क्षेत्र की है।
जहां सरकारी स्कूल के ठीक सामने स्थित एक घर मेंं सफाई के दौरान एक व्यक्ति भी हाइटेंशन का शिकार हो चुका है। इन घटनाओं के बाद आसपास के लोग काफी दहशत में हैं। बांसखेड़ी स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि वे कई बार बिजली अधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों को समस्या से अवगत करा चुके हैं।
खुलेआम हो रही सुरक्षा मापदंडों की अनदेखी
हाइटेंशन लाइन को लेकर शासन की स्पष्ट गाइड लाइन है लेकिन इन नियमों का पालन बिजली कंपनी नहीं कर रही है। जिससे इसके आसपास रहने वाले लोगों की जान पर खतरा बना हुआ है। न तो लोग अपनी छतों पर जा पा रहे हैं और न ही अपने मकान में नया निर्माण कार्य करवा पा रहे हैं। यहां बता दें कि बिजली कंपनी द्वारा हाइटेंशन लाइन के नीचे सुरक्षा गार्डर नहीं लगाए गए हैं। जो तार टूटने की स्थिति में गंभीर दुर्घटना को रोकने में मदद करता है।
जिम्मेदार का नहीं उठा फोन
शहर के रिहायशी से गुजरी हाइटेंशन लाइन से हो रही घटनाएं व सुरक्षा इंतजाम न किए जाने को लेकर जब बिजली कंपनी के एई अमितेश अर्श से उनका पक्ष जानने कई बार फोन लगाया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।