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भूमाफिया ने सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी कर 350 बीघा जमीन पर किया कब्जा

ईंट-भट्ठा, मुरम के नाम पर जमीन कब्जाने का कारोबार, नर्सरी और सरकारी कुआं भी गायब। सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी, इन्द्राज हो गई जमीन नाम, मावन रेलवे स्टेशन के पास की जमीन का मामला।

गुनाSep 28, 2020 / 10:34 am

Hitendra Sharma

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गुना. गुना जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर मावन और खेजरा ग्राम पंचायत बसी है। दोनों के अन्तर्गत मावन रेलवे स्टेशन और करहिया के आसपास का क्षेत्र आता है। यहां जमीन और खनिज कारोबारियों ने अपने निजी स्वार्थ के खातिर वहां पदस्थ सरकारी व कर्मचारियों के जरिए सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी कराई और उस जमीन को कब्जा लिया, इस तरह चरनोई की लगभग साढ़े तीन सौ बीघा जमीन पूरी तरह कब्जेधारियों के हाथों में चली गई। इस जमीन को बचाने के लिए कई बार ग्रामीणों ने आवेदन भी दिए, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। कब्जे का खेल आज भी वहां तेजी से चल रहा है, जिसको रोकने का साहस कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं कर रहे हैं।

ईंट-भट्ठे के पट्टे की आड़ में कब्जे ही कब्जे
मावन गांव के लोगों ने पत्रिका को बताया कि खनिज कारोबारियों के साथ इस जमीन पर कब्जे के लिए ईंट का कारोबार करने वाले सक्रिय हुए, कुछ ही समय में सैकड़ों बीघा जमीन पर कब्जा हो गया। यहां एक-दो लोगों ने ईंट भट्ठा चलाने के लिए पट्टे पर जमीन मिलने की बात कही। यहां जमीन कब्जाने की होड़ सी चल रही है, इस जमीन पर विद्युत खम्बे आदि लगवाए जा रहे हैं, जबकि कुछ लोगों ने उक्त जमीन पर तार फेंसिंग तक कर ली है। यहां दिन और रात में जमीन कब्जाने का काम चल रहा है। इसके चलते चरनोई भूमि लगातार कम होती जा रही है।

मावन रेलवे स्टेशन के पास है जमीन
मावन ग्राम पंचायत के अन्तर्गत करहिया गांव का कुछ हिस्सा और खेजरा ग्राम पंचायत के अन्तर्गत भी करहिया गांव का कुछ हिस्सा आता है। यहां मावन रेलवे स्टेशन भी बसा हुआ है। इस रेलवे स्टेशन के दूसरी तरफ जमीन कब्जाने का कारोबार बड़ी तेजी से चल रहा है। यहां पहुंची पत्रिका टीम को इसी गांव में रहने वाले कुछ लोगों ने बताया कि मावन ग्राम पंचायत ने कई वर्ष पूर्व करहिया गांव में एक कुआं और नर्सरी लगवाई थी, जो अब वहां नजर नहीं आती है, इसकी वजह ये है कि जमीन कब्जाने वालों ने कुंए को ही नहीं पाटा, बल्कि नर्सरी तक वहां से गायब ही कर दी। तीन-चार जगह लगी नर्सरी अपने यहां होने की बात का प्रमाण देती हुई देखी जा सकती हैं। लोगों ने बताया कि यहां एक महिला को ५ बीघा जमीन का पट्टा दिया था, वह जमीन खुर्द-बुर्द हो गई इसकी आड़ में लगभग ५० बीघा भूमि पर बांसखेड़ी के एक प्रभावशाली परिवार ने कब्जा कर लिया। वह यहां खम्बे तक लगवा रहा है।

मुरम खुदाई का चल रहा है काम
मावन रेलवे स्टेशन पर डबल रेल लाइन का काम करने वाली ठेका कंपनी के कारिंदें भी यहां बगैर अनुमति के मुरम खुदाई का काम कर रहे हैं। कुछ समय पूर्व मुरम के ढेर पर चढ़कर काम को देखने वाले रेल निगम के इंजीनियर की हाई टेंशन लाइन से चिपक कर मौत हो गई थी। कंपनी से पेटी कान्ट्रेक्टर पर काम करने वाले ठेकेदारों ने रेलवे की जमीन से भी काफी मात्रा में बगैर अनुमति के मुरम निकाली, जिसमें भाजपा के एक नेता के वाहन भी इस अवैध कारोबार में लगे थे। बगैर अनुमति के मुरम निकाले जाने का काम अभी भी चल रहा है।

पूर्व में भी चल रहा था यहां मुरम का खेल
बताया जाता है कि पूर्व में मावन रेलवे स्टेशन बनाने का काम करने वाली ठेका कंपनी को मुरम की सप्लाई करने के लिए कुछ ठेकेदार सक्रिय हुए थे इसमें तत्कालीन कलेक्टर के नजदीकी रिश्तेदार भी शामिल थे, उन्होंने बगैर अनुमति के मुरम की खुदाई की थी, जिसको पत्रिका ने छापा था, उसके बाद वह काम रुक गया था।

जहां नजर वहीं सरकारी जमीन पर कब्जे
गुना शहर हो या उसके आसपास का ग्रामीण क्षेत्र। यहां जमीन कारोबारियों ने सरकारी के साथ-साथ चरनोई, नदी-नाले और उद्योग विभाग की भूमि पर कब्जे कर भू कारोबारियों ने कॉलोनियां काट ली हैं और काटी जा रही हैं। वहीं जिले के बमौरी क्षेत्र में जंगल काटकर खेती की जमीन बनाने का खेल अभी भी चल रहा है।

खदानों की लीज तक मिलने का दावा
ग्रामीणों ने बताया मावन, खेजरा ग्राम पंचायत के अन्तर्गत आने वाली इस भूमि पर लंबे समय से खनिज कारोबारियों की नजर लगी थी। बीते एक वर्ष पूर्व इस जमीन को कब्जाने का खेल शुरू हुआ और चरनोई की इस भूमि को कब्जाने सरकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ हुई, जिसका परिणाम ये हुआ कि यहां लगभग पचास बीघा जमीन की लीज २-३ खनिज कारोबारियों को मिल गई। एक खनिज कारोबारी का कहना था कि हम लीज के बाद भी हम वहां काम शुरू नहीं कर पा रहे हैं, लीज पर मिली जमीन पर दूसरों का कब्जा है। आरोप है कि जमीन कब्जाने में सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों की संलिप्तता है। इस मामले में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम का कहना था कि इस मामले की जांच कराएंगे।

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