खनिज विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी है, इस सबके बाद भी अवैध उत्खनन करने वालों पर कार्रवाई का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं, इसके पीछे अवैध उत्खनन कर्ताओं को राजनीतिक संरक्षण बताया जा रहा है। कुल मिलाकर ये है कि गुना जिले में अवैध उत्खनन कर रेत का कारोबार बड़ी तेजी से चल रहा है।
सोमवार को पत्रिका की टीम कुंभराज तहसील के भमावद गांव के पास से पार्वती नदी के पास पहुंची, वहां पांच जेसीबी और पच्चीस से अधिक ट्रेक्टर ट्राली दिखाई दिए। जेसीबी द्वारा पार्वती नदी को छलनी कर रेत निकाली जा रही थी, जिनको ट्रेक्टर-ट्रालियों में भरकर बेचने के लिए भेजा जा रहा था।
जब वहां मौजूद कुछ लोगों से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि मीना समाज के दबंग और प्रभावशाली लोग हैं, उनके ही कहने पर यहां मशीन चल रही है, उनसे जब पूछा गया कि उनके पास परमीशन या रेत का ठेका वगैरह है क्या, इस पर उनका कहना था कि यहां न तो ठेका चलता है और न किसी की परमीशन।
रेत के ठेकेदारों के कहने पर यहां काम होता है। उनसे जब पूछा गया तो उन्होंने आधे-अधूरे नाम बताए। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि रात के समय पनडुब्बी से भी रेत निकाली जाती है।
सिंध से आ रही हैं ट्रेक्टर-ट्राली
उधर सिंध नदी के पास भी अवैध रूप से रेत का अवैध उत्खनन होता मिला। यहां से प्रतिदिन आधा सैकड़ा से अधिक ट्रेक्टर-ट्राली रेत भरकर आ रही हैं जिसको यहां मनमाने भाव में बेची जा रही है। यह ट्रेक्टर ट्राली पुरानी कलेक्ट्रेट के पास खड़े हुए मिल जाएंगे।
कागजों में ही चल रही है कार्रवाई
खनिज विभाग के अधिकारियों को रेत के अवैध उत्खनन होने की जानकारी है, इस सबके बाद भी खनिज विभाग की टीम छापामार कार्रवाई नहीं कर रही है। जबकि कुछ लोगों द्वारा उनको शिकायत भी की गई,इसके बाद भी कार्रवाई करने को अधिकारी तैयार नहीं हैं।
ललुआ टोरा और बजरंगगढ़ में भी अवैध उत्खनन
सूत्र बताते हैं कि वहीं दूसरी ओर ललुआ टोरा और बजरंगगढ़ में क्रेशरों का अवैध संचालन होकर ला ाों रुपए का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। जबकि कई क्रेशरों की लीज खत्म हो गई है।
इनका कहना है
पार्वती नदी पर रेत का उत्खनन करने के लिए हमने किसी को अनुमति नहीं दी है और न किसी का ठेका है। यदि कोई ऐसा कृत्य कर रहा है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। सिंध नदी से यदि अवैध ट्रेक्टर-ट्राली आ रही हैं तो हम उन पर कार्रवाई कराएंगे।
– आरके खातरकर, जिला खनिज अधिकारी