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21 दिसंबर को इतने समय के लिए बंद रहेंगे पेट्रोल पम्प

पेट्रोल-डीजल की वैट दर कम करने की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन के तहत 21 दिसंबर को शाम के समय एक घंटे का ब्लैक आउट गुना जिले के समस्त पेट्रोल पम्प पर रहेगा।

गुनाDec 18, 2021 / 11:52 am

Subodh Tripathi

21 दिसंबर को इतने समय के लिए बंद रहेंगे पेट्रोल पम्प

गुना. पेट्रोल-डीजल को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाए तो देश भर में पेट्रोल-डीजल के दामों का अंतर खत्म हो सकता है। मप्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर लगाए जाने वाले वैट से पेट्रोल पंप संचालकों की कमर टूट गई है और मप्र में अधिकतर पेट्रोल पंप तो बंद हो गए हैं। ऑयल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल पर मिलने वाले कमीशन में एक पैसा भी नहीं बढ़ाया है। डीजल पर तीन रुपए और पेट्रोल पर दो रुपए दस पैसे है। जब पेट्रोल पंप फूड एक्ट के दायरे से बाहर हो गए हैं, तो उनकी पूर्व में जमा कराई गई राशि प्रदेश सरकार को वापस करना चाहिए। मप्र सरकार वैट दर को उप्र के समकक्ष करे, इस मांग को लेकर पेट्रोल पंप संचालक आंदोलन करने की मुद्रा में आ गए हैं।


21 दिसंबर को एक घंटे बंद रहेंगे पंप
पेट्रोल-डीजल की वैट दर कम करने की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन के तहत 21 दिसंबर को शाम के समय एक घंटे का ब्लैक आउट गुना जिले के समस्त पेट्रोल पम्प पर रहेगा। इसके बाद भी हमारी मांग को नहीं सुना गया तो कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। यह बात गुना जिला पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के सचिव अमित बी. सौगानी ने कही।


वेट के अंतर को कम करने की मांग
एसोसिएशन के पदाधिकारी प्रदीप जैन, विवेक सिंघल समेत अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि मप्र में वेट अधिक होने से पेट्रोल-डीजल कॉमर्शियल वाहन गुना समेत मप्र के दूसरे जिलों से न लेकर उप्र के झांसी और आगरा भरवाकर यहां आ रहा है। पूर्व की अपेक्षा डीजल-पेट्रोल के बिकने की मात्रा काफी कम हुई हैं। पेट्रोल पम्प संचालकों को हर तरह का घाटा बढ़ रहा है। इसकी वजह से पेट्रोल पंप चलाना भी मुश्किल हो रहा है। दिल्ली जैसे राज्य भी जिसकी सीमाएं अनेक राज्यों से लगी हुई हैं, ने अपने पड़ोसी राज्य के बराबर पेट्रोल और डीजल की टैक्स दरों को कम कर दिया है। मध्यप्रदेाश् की हमारी सरकार न जाने क्यों आदिकाल से चले आ रहे उत्तरप्रदेश ओर मप्र के बीच की वैट दर के अंतर को कब कम करेगी।

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जीएसटी के दायरे में लाया जाए पेट्रोल डीजल
उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की है कि पेट्रोल-डीजल की जीएसटी के दायरे में लाया जाए। एक राष्ट्र एक टैक्स की सरकार की प्रतिबद्धता और जन आंकाक्षा को पूरा किया जाए। पदाधिकारियों का कहना था कि बायोडीजल के अवैध पंपों पर कार्रवाई करवाना और उनको बंद करवाने की जिम्मेदारी भी कंपनी के अधिकारियों की है, पर इस मुद्दे पर कंपनी के अधिकारी मुंह में गुड़ रखकर बैठे हैं। इनके इस कृत्य के कारण लगता है कि कंपनी के अधिकारियों की भी अवैध बायोडीजल बेचने वालों से मिलीभगत है। इस बायोडीजल की बिक्री से मप्र सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। एसोसिएशन के पदाधिकारी कैलाश सुमन, प्रदीप जैन समेत अन्य ने जनता से आग्रह किया है कि हमारी लड़ाई मप्र सरकार से नहीं हैं, हम तो चाहते हैं कि वैट कम हो जाए जिससे आम जनता को पेट्रोल-डीजल सस्ती दरों पर मिलने लगे।आम जनता से भी हमारी मांग है कि वह वैट कम करने की मांग की आवाज को बुलंद करे।

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125 से अधिक पंप, 30 प्रतिशत बंद
गुना में सवा सौ से अधिक पेट्रोल पम्प हैं, उनमें से अधिकतर पेट्रोल पम्पों पर पेट्रोल-डीजल की कम देने के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि गड़बड़ी होना तो खत्म हो गई है। कंपनी ने ऑटो मेशन लगा रखे हैं, जिससे कोई गड़बड़ी नहीं हो पाती है। पेट्रोल पम्प खोलने में घाटा हो रहा है, तो फिर तेजी से पेट्रोल पम्प क्यों खुल रहे हैं, इस पर उनका कहना था कि जितने पंप खोलने की अनुमति मिली थी उनमें से 30 प्रतिशत तो पेट्रोल पंप बंद भी हो चुके हैं।

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