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कलेक्टर चेम्बर के बाहर किसानों ने की नारेबाजी, कलेक्टर के भृत्य से झूमाझटकी

खरीदी में धांधली को लेकर किसानों का फूटा आक्रोश
 

गुनाMay 18, 2018 / 01:27 pm

Satish More

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गुना. चने की खरीदी में हो रही धांधली से किसान बेहद नाराज है। इस नाराजगी के चलते उनका आक्रोश गुरुवार को कलेक्टर के कक्ष के बाहर फूटा, इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी की और अधिकारियों पर धांधली कराकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया। इसी बीच किसानों से किसी बात को लेकर कलेक्टर के भृत्य का विवाद हो गया। कुछ किसानों से उस भृत्य की झूमाझटकी हो गई।

चीफ सेकेटरी की परख की वीसी छोडक़र कलेक्टर बी. विजय दत्ता और जिला पंचायत सीईओ नीतू माथुर को वहां आना पड़ा, उसके काफी देर बाद हंगामा शांत हुआ। जिले के बमौरी आदि क्षेत्र से किसान चने की फसल बेचने गुना मंडी आ रहे हैं। जिनको अपने न बर आने का इंतजार गोपालपुरा मैदान पर धूप में खड़े होकर करना पड़ रहा है।

सरकारी खरीदी में भ्रष्टाचार की वजह से किसानों का नम्बर तीन-तीन दिन बाद नहीं आ रहा है। इसकी शिकायत लेकर कई किसान गुरुवार को दोपहर के समय कलेक्टर बी. विजय दत्ता को अपनी समस्या सुनाने पहुंचे थे। वहां कलेक्टर के एक भृत्य ने उनको नारेबाजी करने से रोका, इसको लेकर विवाद हुआ, जो इतना बढ़ा कि भृत्य व किसानों के बीच झूमाझटकी हो गई।

सरकारी खरीदी के नाम पर किसानों के साथ छलावा
गुना. स्थानीय कृषि उपज मंडी में चने की सरकारी खरीदी को लेकर किसान परेशान हैं। उनकी परेशानी को निजात दिलाने के लिए अपनी ही सरकार के कार्यकाल में चने की खरीदी में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष राजेन्द्र सलूजा ने मोर्चा खोला है।

उन्होंने कहा कि चने की तुलाई में गड़बड़ी करने वाले एवं एसएमएस के नाम पर किसानों से अवैध वसूली करने वालों पर कार्रवाई नहीं हुई तो आठ दिन बाद वे धरने पर बैठेंगे। उन्होंने इस भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों व कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए मु यमंत्री, मु यसचिव, कलेक्टर आदि को पत्र लिखा है।

 

नगर पालिका अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक राजेन्द्र सलूजा बीते रोज गोपालपुरा मैदान पर डेरा डाले बैठे किसानों के बीच पहुंचे थे, उनके दुख-दर्द को सुनकर धूप से बचने के लिए टेंट लगवाया और पीने के पानी का इंतजाम कराया। इसके बाद कलेक्टर से इस संबंध में चर्चा भी की।
सलूजा ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व कलेक्टर को भेजे एक पत्र में कहा है कि सरकारी खरीद में भारी भ्रष्टाचार के चलते किसानों को भीषण गर्मी के इस दौर में 8 से दस दिन तक कृषि उपज की तुलाई के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि भावांतर योजना के तहत ऑन लाइन आवेदन पर एक हजार रुपए, ऑन लाइन टोकन के लिए एक हजार रुपए मांगे जा रहे हैं।
वहीं मंडी में ट्राली लगवाने के लिए पांच सौ रुपए ट्राली वसूला जा रहा है। यहीं नहीं तुलाई के दौरान 5-1० किलो अनाज प्रति ट्राली फैला दिया जाता है। नानाखेड़ी स्थित कृषि उपज मंडी समिति में मंडी की अध्यक्ष किसानों की समस्याओं का कोई निराकरण नहीं कर रही हैं। ऐसी अध्यक्ष को अपने पद से इस्तीफा दे दिया जाना चाहिए।
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