scriptपत्रिका बिग इश्यू : जिस समय स्कूल जाते हैं बच्चे उसी समय हर रोज लगता है जाम | The time when children go to school, they get jammed every day. | Patrika News
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पत्रिका बिग इश्यू : जिस समय स्कूल जाते हैं बच्चे उसी समय हर रोज लगता है जाम

स्कूली बच्चों का रास्ता रोक रही थोक फल-सब्जी मंडीभारी वाहनों की आवाजाही कभी भी बन सकती है गंभीर हादसे का कारणमंडी और नगर पालिका प्रशासन सब कुछ जानकार भी बना हुआ उदासीन

गुनाSep 25, 2021 / 10:01 pm

Narendra Kushwah

पत्रिका बिग इश्यू : जिस समय स्कूल जाते हैं बच्चे उसी समय हर रोज लगता है जाम

पत्रिका बिग इश्यू : जिस समय स्कूल जाते हैं बच्चे उसी समय हर रोज लगता है जाम

गुना. जिला मुख्यालय पर नानाखेड़ी कृषि उपज मंडी के पास स्थित केंद्रीय विद्यालय के बच्चों को पिछले कुछ समय से स्कूल जाने में बहुत ज्याद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसकी मुख्य वजह है रास्ते में लगने वाली थोक फल व सब्जी मंडी। जो इतनी ज्यादा अव्यवस्थित रूप से संचालित होती है कि इस सड़क से सिंगल व्यक्ति को भी पैदल निकलना बहुत मुश्किल साबित होता है। गौर करने वाली बात है कि जिस समय बच्चे स्कूल जाते हैं उसी दौरान इस सड़क पर इतना ज्यादा जाम लगता है कि बच्चे समय पर स्कूल पहुंच नहीं पाते। बच्चों की यह परेशानी यहीं खत्म नहीं होती बल्कि मंडी में आने वाले और माल भरकर जाने वाले भारी वाहन ट्रक, मेटाडोर व ट्रेक्टर ट्रॉली से गंभीर दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। अधिकांश बच्चों को उनके अभिभावक छोडऩे आते हैं, जो यह नजारा आए दिन देखते हैं। लेकिन अब तक इस ओर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया है। या फिर कहें देखकर भी अनजान बना हुआ है। प्रशासन के इस तरह के उदासीन रवैए से पालकों में काफी गहरा आक्रोश है।
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय विद्यालय शहर के वार्ड क्रमांक एक अंतर्गत नानाखेड़ी कृषि उपज मंडी के नजदीक ही स्थित है। जहां कक्षा 1 से 12 वीं तक के सैकड़ों विद्यार्थी पढ़ते हैं। जिनके स्कूल जाने का समय भी वही है जिस समय थोक मंडी संचालित होती है। फुटकर विक्रेता यहां से सब्जी और फल वाहनों में भरकर ले जाते हैं। इससे पहले जो स्थिति बनती है वही असली चिंता का कारण है। यहां बता दें कि इससे पहले थोक फल सब्जी मंडी शहर के रिहायशी इलाके में हाट रोड स्थित रपटे पर संचालित होती थी। तत्समय भी यहां जाम के हालात निर्मित होते थे। कालोनीवासी सुबह 9 बजे तक इस मार्ग से बमुश्किल ही निकल पाते थे। वाहन लेकर निकलना तो नामुमकिन जैसा नजर आता था। दो साल पहले जब कोरोना संक्रमण इस क्षेत्र में बढ़ा तो प्रशासन को यहां से थोक मंडी हटानी पड़ी। जिसे सबसे पहले नानाखेड़ी कृषि उपज मंडी में जगह दी गई। लेकिन जैसे ही मंडी में किसानों अपनी फसल लेकर आने लगे तो इसे यहां से भी हटाना पड़ा। ऐसी स्थिति में थोक मंडी को कृषि मंडी के पास ही ऊमरी रोड पर खाली पड़ी जगह दे दी गई। तब से लेकर अब तक इसी जगह पर थोक मंडी संचालित है। लेकिन लंबे समय बाद स्कूल खुलने से यहां भी मंडी परेशानी का कारण बनने लगी है।

दूसरी गलियों से जाने को मजबूर बच्चे
स्कूल टाइम में लगने वाले जाम से बचने कुछ बच्चे मुख्य मार्ग छोड़ अन्यत्र गलियों से जाने को मजबूर हो गए हैं। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब बच्चे इस जाम की वजह से स्कूल जाने में लेट न हुए हों। सैकड़ों बच्चोंं से जुड़ी इस समस्या को लेकर जिला कांग्रेस प्रवक्ता शेखऱ वशिष्ठ ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे दो वर्ष बीत चुके हैं लेकिन प्रशासन थोक सब्जी मंडी के कारोबारियों को आज तक स्थायी जगह व्यवस्थित नही कर पाया है। यह वाकई में बड़ा ही विचारणीय पहलू है। वशिष्ठ ने कहा कि वे भी केंद्रीय विद्यालय में अध्ययनरत उनकी बेटी समृद्धि के अभिभावक हैं। यह राजनीति या प्रशासन पर हल्ला बोलने का विषय नही अपितु यह अपने आप मे एक बड़ा प्रश्न है कि आखिर प्रशासन पूरे दो वर्षों में मंडी को स्थायी रूप से व्यवस्थित करने में नाकाम रहा है।
उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के कई अभिभावक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उनके बच्चे आखिर कब और कैसे सुकून से स्कूल पहुंचेंगे। स्कूल जाने वाले मार्ग में बड़े-बड़े ट्रक, ट्रेक्टर-ट्राली, ऑटो, हाथ ठेला आदि से बहुत जाम लगता है। जिससे छात्रों को स्कूल जाने में तो देरी होती है। साथ ही बड़ी दुर्घटना होने की आशंका भी सताती रहती है।

अभिभावक की पीड़ा
आज मैं अपनी बिटिया को स्कूल छोडऩे गया, उस बहुत भयंकर जाम लगा हुआ था। सामने से भारी भरकम ट्रक घाटी पर चला आ रहा, जिसके ब्रेक भी कम कम ही लग रहे थे। ऐसी स्थिति आए दिन बनी रहती है। उन्होंने इस समस्या को लेकर केंद्रीय विद्द्यालय के स्टाफ एवं जिम्मेदार अधिकारी से भी बात की। जिस पर उनका कहना था कि वे प्रशासन को लिख-लिखकर हार चुके हैं। आप सभी अभिभावक मिलकर प्रशासन से इस विकराल समस्या का निराकरण कराएं। वे जल्द ही एक शिष्ट मंडल के साथ प्रशासन से मिलेंगे।
शेखर वशिष्ठ, अभिभावक

अव्यवस्था से व्यापारी भी अछूते नहीं
जिस जगह पर थोक सब्जी-फल मंडी संचालित हो रही है। इस स्थान से न केवल केंद्रीय विद्यालय के बच्चे परेशान हैं बल्कि मंडी के अधिकांश व्यापारी भी विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। कई व्यापारियों ने बताया है कि यहां मंडी संचालन के लिए जरूरी सुविधाओं का अभाव है। सफाई नाम की कोई व्यवस्था नहीं है। कागजों में 126 लाइसेंसी व्यापारी हैं। इनमें कई ऐसे व्यापारी हैं जिनके एक ही परिवारी दो से चार लाइसेंस हैं। ऐसा अधिक से अधिक जगह हथियाने के लिए किया गया है। लाइसेंस व्यापारी चाहते हैं कि बिना लाइसेंस व्यापारी यहां से बाहर हों। वहीं बिना लाइसेंस वालों का कहना है कि उन्हें लाइसेंस नहीं दिया जा रहा है। बताया जाता है कि यहां के व्यापारियों की 500 रुपए महीने की रसीद काटी जाती है। यही नहीं 200 रुपए अतिरिक्त लिए जाते हैं लेकिन सुविधाओं के नाम सब कुछ जीरो है।
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