5 हजार रुपए के लिए जिंदा जलाया
मृतक विजय ने करीब 3 साल पहले आरोपी राधेश्याम से पांच हजार रुपए कर्ज लिया था। बताया जा रहा है कर्ज के बदले आरोपी राधेश्याम बीते तीन साल से उससे खेतों में मजदूरी कराता था और मेहनताना भी नहीं देता था। इसके बावजूद राधेश्याम ने विजय से कर्ज के पांच हजार रुपए वापस करने की मांग की। इसी बात को लेकर शुक्रवार की रात करीब 10 बजे दोनों के बीच विवाद हुआ और इसी विवाद में आरोपी राधेश्याम ने केरोसिन डालकर विजय को आग के हवाले कर दिया। विजय को आग के हवाले करने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। आग की लपटों में घिरे विजय की चीख पुकार सुनकर परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे और किसी तरह आग बुझाकर उसे बामोरी स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे। स्वास्थ्य केन्द्र से विजय को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया जहां इलाज के दौरान बीती रात करीब एक बजे उसकी मौत हो गई।
अंतिम संस्कार के लिए 20 हजार की सहायता
26 साल का विजय सहरिया गांव में मां गीताबाई, छोटे भाई ओमप्रकाश, पत्नी रामसुखी और दो बच्चों के साथ रहता था। वह मजदूरी कर परिवार का पेट पालता था। उसकी मौत के बाद परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक के अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन ने 20 हजार रुपए की तत्काल राशि मुहैया कराई तब कहीं जाकर मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं पुलिस ने आरोपी राधेश्याम को गिरफ्तार कर लिया है।
परिजनों को 8 लाख 50 हजार की सहायता भी मिलेगी
प्रशासन द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम अंतर्गत मृतक के परिजन को राहत राशि के रूप में 8 लाख 50 हजार रुपए दिए जाने की जानकारी परिजनों को दी गई है। जिसमें बताया गया कि उक्त राशि का 50 प्रतिशत हिस्सा रविवार तक वैध वारिस के खाते में पहुंचा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त मृतक के बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था भी की जाएगी। यदि वे छात्रावास में रहना चाहेंगे तो छात्रावास में प्रवेश दिलाकर पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी। पीड़ित परिवार के पुनर्वास की व्यवस्था भी की जाएगी।