भाजपा सरकार नहीं कर पाई थी बहाल
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हरियाणा के कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। केंद्र की यूपीए सरकार के समय हरियाणा की हुड्डा सरकार ने यह पेंशन सुविधा बंद कर दी थी। इसे भाजपा ने मुद्दा बनाया और कर्मचारियों का समर्थन मिला। इसके बावजूद भाजपा के कार्यकाल में सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो सकी।
भाजपा ने छोड़ा, जजपा ने लपका
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भाजपा ने हाल ही में अपने घोषणा पत्र में इस मुद्दे को शामिल नहीं किया। इसके चलते जजपा ने यह मुद्दा लपक लिया और अपने जन सेवा पत्र में पुरानी पेंशन बहाल करने, सरकारी कर्मचारियों को एक जनवरी 2017 से एचआरए देने, न्यूनतम वेतन 16 हजार करने तथा दिहाड़ी 600 रुपए करने का ऐलान कर दिया है।
सीएलयू निशुल्क करने का ऐलान
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पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को सीएलयू घोटालों के आरोप में पिछले पांच साल तक भाजपा घेरती रही है, लेकिन भाजपा के कार्यकाल के दौरान भी सीएलयू के कई मामले सार्वजनिक हुए। इसके चलते जजपा ने इस मुद्दे को समाप्त करते हुए किसानों को स्वरोजगार के लिए जमीन का सीएलयू निशुल्क करने का ऐलान कर दिया है।
ओएसडी व राजनीतिक नियुक्तियां केवल स्थानीय को
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हरियाणा की निवर्तमान भाजपा तथा पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में सीएमओ तथा बोर्ड व निगमों में बाहरी लोगों को नियुक्तियां प्रदान करने के मुद्दे पर घिरती रही है। मनोहर सरकार में तो ज्यादातर ओएसडी व राजनीतिक नियुक्तियां पाने वालों में ज्यादातर बाहरी राज्यों के थे। चौटाला ने ऐलान किया कि जजपा की सरकार बनने के बाद हरियाणा में बोर्ड, निगम के चेयरमैन, सदस्य, ओएसडी, वीसी, रजिस्ट्रार आदि हरियाणा निवासी ही बनाए जाएंगे।
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