यह है लाल डोरा का पूरा विवाद
आजादी के बाद संयुक्त पंजाब के समय लोगों को जहां जगह मिली, कब्जा कर रहना शुरू कर दिया। इसके बाद एक नवंबर 1966 को जब हरियाणा अस्तित्व में आया तो अलग से मुरब्बाबंदी की गई और लोगों ने ग्रामीण क्षेत्रों में अपने आवास बनाने शुरू कर दिए। जिन्हें लाल डोरा की संज्ञा दी गई। लाल डोरा सीमा में रहने वाले लोगों का कब्जा तो पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है, लेकिन उनके पास इसके मालिकाना हक नहीं हैं। हरियाणा सरकार ने सर्वे ऑफ इंडिया के साथ एक एमओयू किया था। इसके तहत सिरसी का ड्रोन सर्वे कर नक्शा तैयार किया गया।
सिरसी में पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा है। यहां के लोगों को जल्द ही टाइटल डीड दे दी जाएगी। अगली कार्रवाई राजस्व विभाग करेगा। प्रदेश के अन्य जिलों में इस योजना का विस्तार किया जा रहा है। बहुत जल्द सभी जिलों के गांवों को कवर कर लिया जाएगा।
सुधीर राजपाल, प्रधान सचिव, विकास एवं पंचायत विभाग