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गुडगाँव

किसानों के स्वावलंबन में सहायक बनी योजना

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनारेवाड़ी.लघु व सीमांत किसानों के आर्थिक सहयोग स्वरूप केंद्र सरकार की ओर से लागू प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों को स्वावलंबी बनाने के साथ उनका सम्मान बढ़ा रही है। यह योजना किसान की तरक्की की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।

गुडगाँवMay 29, 2022 / 12:41 am

satyendra porwal

किसानों के स्वावलंबन में सहायक बनी योजना

किसानों के स्वावलंबन में सहायक बनी योजना

– 31 को प्रधानमंत्री वेबकास्ट के माध्यम से लाभार्थियों से जुड़ेंगे
जरूरतमंद किसानों को योजना का लाभ प्रभावी ढंग से मुहैया कराने में हरियाणा सरकार का कृषि एवं किसान कल्याण विभाग सहभागिता निभा रहा है। यह बात डीसी अशोक कुमार गर्ग ने कही। डीसी ने बताया कि केंद्र सरकार की किसान हित की इस योजना के लाभार्थियों को सरकार की ओर से लाभ पत्र का वितरण मंगलवार को शहर के केएमपी कॉलेज सभागार में किया जाएगा। प्रधानमंत्री के लाइव वेबकास्ट के साथ रेवाड़ी जिला के किसानों को लाभान्वित किया जाएगा।
खाद्यान में आत्मनिर्भर हैं हम
डीसी अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और देश में लगभग 65 प्रतिशत आबादी कृषि व कृषि से सम्बन्धित कार्यों पर ही निर्भर है। उन्होंने कहा कि कृषि व किसानों के कारण ही भारत आज खाद्यान में आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ हर वर्ग का भी पेट भर रहा है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 24 फरवरी 2019 को एक बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि का शुभारम्भ किसानों के हितों को सुरक्षित रखने की दिशा में किया था। इस योजना के तहत साल में तीन बार 2000-2000 रुपए की राशि किसानों के खातों में डाली जा रही है।
64921 किसान हुए रेवाड़ी जिला में लाभान्वित: डीसी
डीसी अशोक कुमार गर्ग ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुरूप जानकारी दी कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से अब तक जिला रेवाड़ी में 10 किश्तों के माध्यम से 64921 किसानों के खाते में 1060782000 रुपए की राशि भेजी जा चुकी है। यह योजना लघु व सीमान्त किसानों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि किसानों को पहले अपनी खेत में प्रयुक्त होने वाले खाद व बीज खरीद के लिए या तो किसी साहूकार से ब्याज पर पैसा लेना पड़ता था या दुकानदार से कृषि के लिए सामान उधार लेना पड़ता था लेकिन योजना के लागू होने के बाद से किसानों का आर्थिक स्तर मजबूत हुआ है।
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