विधायक की एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी, जिसमें वह एक अन्य व्यक्ति के साथ बातचीत में विधायक कहते हैं कि क्वारेंटाइन सेंटर की हालत डिटेंशन सेंटर से भी बदतर है। उन्होंने कथित तौर पर यह भी कहा कि वहां रहने की सुविधा डिटेंशन सेंटर से बदतर है और खाना-पानी भी सही से नहीं दिया जा रहा। महंत ने कहा कि हमने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि असम विधानसभा अध्यक्ष को इस बारे में सूचित कर दिया गया है। कुछ दिनों में विधायक इस्लाम ने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए हैं, जिसमें सरकार को कोविड -19 रोगियों और पिछले महीने दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने वालों से निपटने के तरीकों पर सवाल उठाए गए हैं। वे कहते हैं कि एक विशेष समुदाय को निशाना बनाने की साजिश है और जो लोग क्वारेंटाइन हैं, उन्हें मार दिया जाएगा।
ऑडियो क्लिप में विधायक आगे कहते हैं कि क्वारेंटाइन सेंटर डिटेंशन सेंटर से भी बदतर हैं। मैंने सुना है कि जो लोग एक या दो महीने पहले तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे, उन्हें क्वारेंटाइन में रखा गया है और उनके परिवार के सदस्यों को उनके पास जाने की अनुमति नहीं है। वह आगे कहते हैं कि करीब 5-10 लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर में एक कमरे में रखा जा रहा है और उन्हें सिर्फ एक तकिया और गद्दा दिया गया है। उन्हें मच्छरदानी भी नहीं दी गई है। उन्हें उचित तौर पर खाना-पानी भी नहीं दिया जा रहा है।
मालूम हो कि असम में कोरोना वायरस के अब तक 27 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 26 मामले तबलीगी जमात से जुड़े हुए हैं। फिलहाल, सभी मरीजों का इलाज असम के कई सरकारी अस्पतालों में हो रहा है। उन लोगों के संपर्क में आए लोगों को भी क्वारेंटाइन में रखा गया है।