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वन विभाग ने लादेन की स्थिति ड्रोन से पता की और लादेन को वश में करने का जिम्मा सतिया के विधायक पद्म हजारिका को सौंपा। हजारिका को पहले ही दिन यानि 11 नवंबर को लादेन को वश करने में सफलता हासिल की। उसे दो बार ट्रेंकुलाइज कर वश में किया गया। बाद में उसे दूसरे दिन उरांग राष्ट्रीय उद्यान ले जाया गया। लादेन को पकड़ने के बाद हजारिका ने उसका नाम कृष्ण रखा था। उन्होंने कहा था कि कृष्ण वन विभाग की संपदा होगा। जंगली हाथियों से लोगों की रक्षा करेगा। उरांग वे कृष्ण को देखने गए थे। पांच दिन उरांग में अच्छी तरह रहने के बाद कृष्ण की रविवार को मृत्यु हो गई।
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जानकारों का कहना है कि दो बार ट्रेंकुलाइज करने से बेहोशी की दवा अधिक मात्रा में उसके शरीर में गई। इसके चलते उसकी मौत हो गई। राज्य के वन मंत्री परिमल शुक्ल वैद्य ने कृष्ण की मौत पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि हार्टअटैक के चलते कृष्ण की मौत हुई है। ट्रेंकुलाइज करने के दौरान दवा की मात्रा अधिक होने के कारण मौत हो सकती है। पूरे मामले की जांच की जाएगी। विधायक हजारिका भी जांच के दायरे में आएंगे। मालूम हो कि लादेन को पकड़ने पर मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने विधायक हजारिका की प्रशंसा की थी। हजारिका के हाथी पकड़ने के अभियान के बाद सोशल मीडिया पर हजारिका को वन मंत्री बनाए जाने की मांग उठने लगी थी। लेकिन अब उनके खिलाफ जांच की मांग की जा रही है।