मूलत: असम के दरंग जिले के दलगांव निवासी बिराज हजारिका वर्तमान में शिवसागर जिले में ओएनजीसी में नियुक्त है। उसने नाजिरा में रोटी और कपड़ा बैंक खोला है। उनका कहना है कि पूर्वोत्तर में पहली बार रोटी और कपड़ा बैंक खोला गया है। इसका उद्देश्य गरीबों तक नि:शुल्क खाद्य पदार्थ और कपड़ा प्रदान करना है।
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हर जिले में खुलेगी रोटी—कपड़ा बैंक
बिराज ने कहा कि असम के प्रत्येक जिले में इस तरह की बैंक खोली जाएगी। यह एक नि:शुल्क सेवा है। बैंक का स्थाई कार्यालय नाजिरा होगा और वाहन से घूम-घूमकर आस-पास के इलाकों में मदद पहुंचाई जाएगी। बिराज ने बताया कि फिलहाल वह अपने वेतन से सामान खरीद रहे है। लेकिन काफी लोगों ने उन्हें मदद का आश्वासन दिया है।
गरीबी दूर करने की ठानी…
सुरक्षाबल में तैनात हजारिका के दिल में सेवा का भी बड़ा जज्बा है। अपने फेसबुक अकाउंट पर उन्होंने लिखा कि मेरा जीवन गरीबों के लिए, जीना मरना देश के लिए है। मैं अपने देश से गरीबी दूर करूंगा।
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शुरुआत से ही काम है जारी…
बिराज ने बताया कि जब उसे अपनी पहली नियुक्ति आगरा के ताजमहल में मिली तो उसने वहां के जरुरतमंद लोगों के बीच खाना बांटा। धीरे-धीरे मैं नौकरी के सिलसिले में जहां भी गया यह मेरे जीवन का हिस्सा बन गया। सातवीं रिजर्व बटालियन में रहते हुए जब जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ा में तैनाता था तो गरीब लोग मुझसे इस तरह के कार्यों के चलते बेहद प्यार करते थे। मालूम हो कि वर्ष 2010 में उसने सीआईएसएफ की नौकरी ज्वाइन की थी। मार्च 2018 में उसका तबादला हुआ और वह असम आ गया। अब रोटी कपड़ा बैंक खोलकर वह काम के साथ ही समाज सेवा में भी जुट गए है।