scriptसरकार के रवैये से नाराज 35 गांव के किसानों का उग्र आंदोलन का अल्टीमेटम | 35 village villagers warn to government for water suplly | Patrika News
ग्वालियर

सरकार के रवैये से नाराज 35 गांव के किसानों का उग्र आंदोलन का अल्टीमेटम

अभी किसान गांधीवादी ढंग से विरोध कर रहे हैं। यही वजह है कि शासन प्रशासन को किसानों की समस्या समझ नहीं आ रही है और किसानों को गुमराह करने का प्रयास किय

ग्वालियरDec 03, 2017 / 02:39 pm

Gaurav Sen

sheopur villagers

श्योपुर। अभी किसान गांधीवादी ढंग से विरोध कर रहे हैं। यही वजह है कि शासन प्रशासन को किसानों की समस्या समझ नहीं आ रही है और किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन जिम्मेदार यह जान लें कि अगर मांग को पूरा नहीं किया गया तो फिर किसान नए सिरे से आंदोलन करेगा। जो इस बार उग्र होगा। यह हुंकार शनिवार को हजारेश्वर उद्यान में उन ३५ गांव के किसानों के द्वारा भरी गई है, जो खेतों तक पानी पहुंचाए जाने के लिए चंबल दाहिनी मुख्य नहर से नवीन नहर की मांग कर रहे हैं। लेकिन विधानसभा में श्योपुर और विजयपुर विधायक के सवाल के जवाब में बोलते हुए मंत्रीद्वय द्वारा इसे सिरे से खारिज कर दिया गया और कहा गया कि यह संभव नहीं है।

यही वजह है कि किसान आक्रोशित हैं और किसानों ने शनिवार को हजारेश्वर उद्यान में सरकार के इस जवाब के बाद बैठक का आयोजन किया। बैठक में ३५ गांव के करीब एक सैकड़ा किसान पहुंचे। किसानों के द्वारा बात करते हुए कहा गया कि सरकार का बयान साफतौर पर किसान विरोधी है और इस बयान से यह भी साफ हो रहा है कि चंबल दाहिनी मुख्य नहर से नवीन नहर निकालने का कार्य भी अफसरों के द्वारा बिना सरकार की संज्ञान में लाए ही किया जा रहा है। जिससे किसानों की मांग पूरी होना संभव नहीं है। हालांकि इसके बाद भी किसानों ने सर्वे कार्य पूरा होने के लिए तय तिथि १० दिसंबर तक आंदोलन न करने का निर्णय लिया और 10 दिसंबर को दोपहर ११ बजे आगामी बैठक रामगांवडी में रखने का निर्णय लिया है। जिसमें किसान आंदोलन की रणनीति तय करेंगे।

नहर सर्वे आश्वासन पर माने थे किसान
यहां बता दें कि ३५ गांव के किसानों के द्वारा दो माह पूर्व नहर का मुद्दा उठाते हुए गांव गांव से जनमत लिया गया है। इसके बाद लोगों ने एकजुट होकर खेतों तक पानी के बाद ही आंदोलन बंद करने की बात तय की है। इसको लेकर अभी पिछले दिनों किसानों के द्वारा बाजार बंद भी कराया गया। मगर तब जिला प्रशासन के अफसरों व जल संसाधन विभाग के द्वारा किसानों को नवीन नहर निकासी सहित अन्य स्त्रोतों से खेतों तक पानी पहुंचाए जाने का सर्वे कराए जाने की बात तय की। जिसके बाद किसान भी मान गए और सर्वे भी शुरू हो गया। मगर अभी शुक्रवार को विधानसभा में नहर सर्वे होने के बाद भी मंत्री ने नवीन नहर की बात को सिरे से नकार दिया था।

Home / Gwalior / सरकार के रवैये से नाराज 35 गांव के किसानों का उग्र आंदोलन का अल्टीमेटम

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो