script54 फीसदी लोग जल के लिए तनाव का जीवन जी रहे | 54 percent live stress life for water | Patrika News
ग्वालियर

54 फीसदी लोग जल के लिए तनाव का जीवन जी रहे

पर्यावरण का जिस तरह से दोहन हो रहा है उससे आने वाले जीवन में जीवन कठिन हो जाएगा।

ग्वालियरOct 13, 2019 / 01:12 am

prashant sharma

54 फीसदी लोग जल के लिए तनाव का जीवन जी रहे

54 फीसदी लोग जल के लिए तनाव का जीवन जी रहे

ग्वालियर. अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के उद्घाटन सत्र की शुरूआत शनिवार को हुई। प्रथम सत्र में भोपाल से आये प्रदीप खांडेकर ने कहा कि कार्यकर्ता लैंप के कांच की चिमनी के समान है। यदि वह स्वच्छ, पारदर्शी व शीलवान नहीं है तो वह विचार रूपी प्रकाश को समाज में नही फैला पाता है। अत: कार्यकर्ता को चरित्रवान व स्वच्छ छवि का होना चाहिए। कार्यकर्ता का शील इतना उज्ज्वल हो कि लोग उसी से संघ की कल्पना कर सकें। द्वितीय सत्र में इंदौर के पुष्यमित्र पांडे ने कहा कि पर्यावरण का जिस तरह से दोहन हो रहा है उससे आने वाले जीवन में जीवन कठिन हो जाएगा। हमारे देश में आज 54 फीसदी लोग जल के लिए तनाव का जीवन जी रहे हैं। पर्यावरण सरंक्षण के लिए हमें फोर आर तकनीक अपनानी होगी। रिड्यूस, रीसायकल, रिफ्यूज, रीयूज। चतुर्थ सत्र में सुरक्षित पूंजी निवेश पर एसबीआई की ब्रांच हेड निधि मित्तल ने कहा कि म्यूचल फंड में तीन साल से कम पर इन्वेस्टमेंट न करे। इस मौके पर नारायण भाई शाह, अरूण राव देशपांडे, रवि कंचन गुप्त, पीयूष तांबे, दुर्गाप्रसाद सैनी आदि मौजूद थे।
266 सदस्य रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, झारखण्ड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के 266 सदस्य व पदाधिकारी उपस्थित हुए। कार्यक्रम का समापन व ग्राहक हित के कई अन्य विषयों पर चर्चा रविवार को विभिन्न सत्रों के दौरान की जाएगी।

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