पद्मश्री केके मुहम्मद (KK Muhommad) शुक्रवार को एक कार्यक्रम के सिलसिले में ग्वालियर आए थे, उन्होंने पत्रिका से खास बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि ‘जिस तरह से मुसलमानों के लिए मक्का-मदीना महत्वपूर्ण है, ठीक उसी तरह से एक हिंदू के लिए ये जरूरी हैं। मुसलमानों को एक हिंदू का दर्द समझना चाहिए, यदि वो दर्द नहीं समझेंगे तो आप भारत में रहने के लायक नहीं हैं। मैं हमेशा इसी बात का पश्चाताप कर रहा हूं कि एक महमूद गजनवी ने हिंदुस्तान के मंदिरों को तोड़ा, एक मुहम्मद यानी मैं आज ऐसे ही मंदिरों को संवार कर पश्चाताप की राह पर हूं। मेरा मानना है कि मुसलमानों को अपनी गलतियों के लिए पश्चाताप करना ही चाहिए। पहले अहसास होना जरूरी है, बाद में उसके लिए सुधार कर सकते हैं।’
केके मुहम्मद (KK Muhommad) ने बताया कि मितावली-पड़ावली, बटेश्वर के मंदिरों पर कांग्रेस कार्यकाल में जीर्णोद्धार का काम किया गया था। यही वजह है कि इन मंदिरों पर बीजेपी और आरएसएस का कोई ध्यान नहीं है, ऐसे में पिछले दस वर्षों से यहां कुछ नहीं हो पाया है। इसके चलते यहां पर्यटक भी कम ही पहुंचते हैं।