यशवंत बताते हैं कि 5 जून 1982 को हमारा एक ट्रक डकैत रमेश सिकरवार ने लूटकर जला दिया था। इस मामले में यशवंत जैन ने जब दिल्ली जाकर अटलजी से मुलाकात की तो उन्होंंने 26 जुलाई 1982 को अपने लैटर हेड पर एक पत्र कैलाश सारंग के लिए लिखा। यशवंत उस कागज को भी सहेजकर रखे हुए हैं, जिसमें उन्होंने 7 अगस्त 1983 को ग्वालियर प्रवास के दौरान अटलजी, आडवाणी व शेजवलकर के हस्ताक्षर का ऑटोग्राफ लिया था।
पुरानी शिवपुरी राधारमण मंदिर के आगे हलवाई की दुकान संचालित करने वाले शंकरलाल ठेइया के पास आज भी वो फोटो है, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी शिवपुरी स्थित उनके घर आए थे। इस फोटो में ठेइया फूलों की माला अटल जी को पहना रहे हैं। ठेइया बताते हैं कि यह फोटो लगभग 50 साल पुराना है, जब हम जनसंघ में थे और लगभग डेढ़ सैकड़ा कार्यकर्ताओं का भोजन अपने घर में किया था।
अष्ठाना के मामले में किया था अटलजी ने हस्तक्षेप
वर्ष 1990 में शिवपुरी विधानसभा से भाजपा का टिकट सुशील बहादुर अष्ठाना को दिए जाने के लिए अटलजी ने हरी झंडी दे दी थी। यशवंत जैन बताते हैं कि जब टिकट फायनल हुआ तो भाजपा का मेंडेड विनोद गर्ग टोडू को मिला। जिसके चलते जैन सहित कई भाजपा नेता दिल्ली में अटलजी से मिलने पहुंचे तो उन्होंने कहा कि जब मैंने सुशील का टिकट फायनल किया,तो फिर उसे काट किसने दिया। बाद में सुशील बहादुर अष्ठाना तीर-कमान चिह्न पर चुनाव लड़े तथा राजमाता विजयाराजे सिंधिया सहित पूरी भाजपा ने सुशील बहादुर का साथ देकर उन्हें विधायक बनाया।