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ग्वालियर

जज सुनाने वाले थे फैसला, तभी पति-पत्नी बोले-हम साथ रहना चाहते हैं, जानिए पूरा मामला

फैमिली कोर्ट में सामने आया अनोखा मामला…तलाक से पहले ही बदला पति-पत्नी का मन…थामा एक दूजे का हाथ

ग्वालियरMar 11, 2022 / 07:20 pm

Shailendra Sharma

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ग्वालियर. ग्वालियर फैमिली कोर्ट में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां तलाक की अर्जी लगाने वाले पति-पत्नी ने तलाक मिलने से ठीक ऐन वक्त पहले एक साथ रहने की बात कही और अपनी अर्जी वापस लेकर एक दूजे का हाथ पकड़कर जिंदगी की नई शुरुआत की। करीब दो साल पहले पति-पत्नी ने आपसी सहमति से तलाक की अर्जी लगाई थी और आखिरी गवाही के वक्त भी उन्होंने तलाक लेने की बात कही थी।

 

ये है पूरा मामला
ग्वालियर की रहने वाली 25 वर्षीय नंदनी (बदला हुआ नाम) प्राइवेट हॉस्पिटल में नर्स है और उसकी शादी साल 2019 में रीवा के रहने वाले कृष्णकांत (बदला हुआ नाम) के साथ हुई थी। शादी के कुछ समय बाद तक तक दोनों के बीच सब ठीक रहा लेकिन बाद में उनके बीच विवाद होने लगा। विवाद होने के कारण करीब दो साल पहले नंदनी पति का घर छोड़कर वापस ग्वालियर लौट आई थी और अपने पिता के घर रह रही थी। इसके बाद साल 2021 में दोनों ने आपसी सहमति से ग्वालियर कुटुंब न्यायालय में तलाक की अर्जी लगाई थी। दोनों की काउंसलिंग की गई लेकिन दोनों साथ रहने के लिए तैयार नहीं थे जिसके कारण कोर्ट में तलाक का केस शुरु हुआ। आखिरी गवाही के दौरान भी उन्होंने तलाक लेने की बात कही थी। आखिरी गवाही होने के बाद कोर्ट को इनके तलाक पर डिक्री पारित करना थी। इसके लिए अगली तारीख पर दोनों को तलाक की डिक्री लेने के लिए बुलाया गया लेकिन जज तलाक की डिक्री दे पाते इससे पहले ही दोनों ने तलाक लेने से इंकार करते हुए साथ रहने की बात कही और अपना केस वापस ले लिया।

 

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वकील दंपत्ति के कारण बदला मन
नंदनी और कृष्णकांत का मन बदलने में उनके दोनों के वकीलों का अहम योगदान रहा। दोनों की तरफ से केस लड़ने वाले वकील भी पति-पत्नी थे। नंदनी की तरफ से सीमा द्विवेदी और कृष्णकांत की तरफ से अरविंद द्विवेदी मामले की पैरवी कर रहे थे। आखिरी गवाही होने के बाद भी वकील दंपति ने दोनों को समझाना जारी रखा और उन्हें तलाक के बाद अलग अलग रहने के नुकसान बताए। ये बताया कि तलाक के बाद कैसे जीना कठिन हो जाता है जिसके बाद नंदनी और कृष्णकांत का मन बदल गया और उन्होंने तलाक लेने का अपना अपना फैसला वापस ले लिया।

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