scriptBig game of attachment in MP’s health एमपी के स्वास्थ्य में अटैचमेंट का बड़ा खेल, गांव के डॉक्टरों का शहर पलायन, हॉस्पिटल हुए बीमार | Big game of attachment in MP's health, village doctors migrate to the | Patrika News
ग्वालियर

Big game of attachment in MP’s health एमपी के स्वास्थ्य में अटैचमेंट का बड़ा खेल, गांव के डॉक्टरों का शहर पलायन, हॉस्पिटल हुए बीमार

Big game of attachment in MP’s health, village doctors migrate to the city, hospitals become sick

अटैचमेंट की व्यवस्था से बिगड़ा गांव का स्वास्थ्य, अस्पताल सूने, डॉक्टर शहर में दे रहे सेवाएं
बहाने बनाकर आ गए शहर, फिर नहीं गए वापस
कलेक्टर ने मांगी रिपोर्ट तो गोलमोल दे रहे जवाब

ग्वालियरMar 28, 2024 / 11:18 am

Balbir Rawat

Big game of attachment in MP's health एमपी के स्वास्थ्य में अटैचमेंट का बड़ा खेल, गांव के डॉक्टरों का शहर पलायन, हॉस्पिटल हुए बीमार

Big game of attachment in MP’s health, village doctors migrate to the city, hospitals become sick

स्वास्थ्य विभाग में बड़े स्तर पर अटैचमेंट का खेल चल रहा है। इस अटैचमेंट की वजह से गांव का स्वास्थ्य बिगड़ गया है। गांव के अस्पताल सूने ह गए हैं और यहां के डॉक्टर शहर में सेवाएं दे रहे हैं। बहने बनाकर शहर आए और फिर वापस नहीं गए। गांव के अस्पतालों में डॉक्टर नहीं होने की वजह से मरीजों को शहर की ओर रुख करना पड़ रहा है। यदि डॉक्टर गांव के अस्पतालों में रहते हैं तो ग्रामीणों को वहीं इलाज मिल सकता है। जिन डॉक्टरों ने अपना अटैचमेंट कराया है, वह शहर में अपना क्लीनिक भी चला रहे हैं। इस पूरे मामले को कलेक्टर ने संज्ञान लिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी से अटैचमेंट पर आए डॉक्टर की सूची तलब की है। सूची देने में मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कार्यालय घिर गया है।
गांव की स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी हो सके, उसके लिए गांव में डॉक्टरों को भेज रही है, लेकिन डॉक्टर गांव में सेवा देना नहीं चाहते हैं। सरकारी की मंशा को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पलीता लगा रहा है। इस कार्यालय की सांठगांठ के चलते डॉक्टर गांव से शहर आ रहे हैं। शहर की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरार रही हैं। इस पूरे मामले को लेकर डबरा विधायक सुरेश राजे ने विधानसभा में प्रश्न भी लगाया है, लेकिन डॉक्टर अपने मूल जगह पर नहीं पहुंचे हैं।
मौसमी बीमारी से अस्पतालों में बढी है भीड़

-वर्तमान में मौसम में बदलाव आ रहा है। इस बदलाव के कारण लोग मौसमी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। बच्चे से लेकर बुजर्गों तक लोग बीमार हो रहे हैं। ग्रामीण अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं।
केस-1: डबरा सिविल अस्पताल के तीन डॉक्टर ग्वालियर में अटैच है। इसमें ईएनटी के डॉ. सागर, गायनिक की डॉ. स्वाती अग्रवाल एवं मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. अतर सिंह हैं। कुछ समय के लिए अटैचमेंट पर आए थे। पर अटैंचमेंट खत्म नहीं हुआ। ग्वालियर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। गायनिक डॉ. गरिमा यादव एवं आर्थोपेडिक के डॉ. रवि वर्मा भी अटैचमेंट पर हैं। पैथोलॉजिस्ट डॉ. शिल्पा एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका का अटेचमेंट शहर के अस्पतालों के लिए किया गया।
केस-2: सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हस्तनापुर में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गीता अहिरवार व डॉ. मुकेश तोमर अटैचमेंट पर हैं। डॉ गीता अहिरवार हफ्ते में एक दिन सेवा देने पहुंचती हैं। मेडिकल ऑफिसर डॉ. अमर सिंह अल्ट्रासाउंड की ट्रेनिंग पर चल रहे हैं। दो डॉक्टर आए दिन अवकाश पर रहते हैं। हस्तनापुर स्वास्थ्य केन्द्र में सिर्फ डॉ. नवीन नागर ही ओपीडी में मिलते हैं। जबकि हस्तनापुर में प्रतिदिन करीब 100 मरीज तक ओपीडी में उपचार के लिए पहुंचते हैं। चिकित्सक नहीं होने से मरीज भर्ती नहीं कर पा रहे हैं।
केस-3: डॉक्टर अकेले अटैचमेंट पर नहीं है। नर्सिंग स्टाफ, एएनएम से लेकर बाबु भी शहर में अटैच हैं। लम्बे समय से सीएमएचओ कार्यालय में ही जमे हुए हैं।

जबकि उनकी पदस्थापना स्वास्थ्य केन्द्रों पर है।
हमें पूरे जिले की व्यवस्था बनानी होती

हमें पूरे जिले की व्यवस्था बनानी होती है। वीआइपी मूवमेंट होता है तो डॉक्टर की जरूरत होती है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए ड्यूटी लगानी होती है। हमारे विभाग में अटेचमेंट की प्रथा खत्म हो गई है। डबरा में ओटी बंद चल रही है। इस कारण उन डॉक्टर की सेवा ग्वालियर में ले रहे हैं।
डॉ. आरके राजौरिया, सीएमएचओ ग्वालियर

Home / Gwalior / Big game of attachment in MP’s health एमपी के स्वास्थ्य में अटैचमेंट का बड़ा खेल, गांव के डॉक्टरों का शहर पलायन, हॉस्पिटल हुए बीमार

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो