प्रसूता की मौत के मामले की जांच में प्रारंभिक तौर पर दोषी पाई गई स्टाफ नर्स अनीता जाटव को सीएमओएच डॉ. जेपीएस कुशवाह ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मौजूद लोगों का कहना था कि यदि नर्स समय पर देखरेख कर लेती तो प्रसूता की जान बचाई जा सकती थी। प्रसूता अंजली की हालत बिगडऩे के दौरान कई बार बुलाने पर भी स्टाफ नर्स अनीता जाटव उसे देखने नहीं पहुंची।
उल्लेखनीय है कि प्रसूति गृह में चिकित्सक तथा स्टाफ नर्स की लापरवाही के चलते दिसंबर 2018 से लेकर 27 जनवरी 2019 तक गोहद, मेहगांव तथा भिण्ड में तीन महिलाओं की मौत हो चुकी है। एक हफ्ते पूर्व मेहगांव में भर्ती कराई गई जच्चा की उसके नवजात बच्चे सहित मौत हो गई थी। उनकी मौत पर भी लोगों ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया था।
रौन अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने बदला स्टाफ
खण्ड चिकित्सा अधिकारी रौन डॉ. विजय उदघेटकर को उनके मूल पद पर स्थानांतरित करते हुए उनके स्थान पर डॉ. जेएस राजपूत को बीएमओ के रूप में भेजा गया है। मेडिकल ऑफीसर डॉ. विकास द्विवेदी को हटाकर उनके स्थान पर डॉ. राजेश शर्मा को मेडिकल ऑफीसर बनाया है। इसके अलावा संविदा चिकित्सा अधिकारी डॉ. मोहनीश तोमर को पीएचसी एनो से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अटेर एवं पीएचसी गुहीसर में पदस्थ संविदा चिकित्सक डॉ धीरेंद्र सिकरवार को तीन दिन मिहोना एवं तीन दिन मछण्ड में सेवाएं देने के लिए निर्देशित किया गया है।
“प्रसव कार्य के दौरान लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक या स्टाफ नर्स को बख्शा नहीं जाएगा। रौन में ही प्रसूता की मौत के मामले में स्टाफ नर्स को निलंबित किया गया है। आगे भी सख्ती बरती जाएगी।”
डॉ. जेपीएस कुशवाह,सीएमएचओ जिला अस्पताल भिण्ड