गुरु हरगोबिंद जी के अंगरखे की कलियों को पकड़कर बाहर आए थे 52 राजा
गुरु हरगोबिंद साहिब को मुगल बादशाह जहांगीर ने ग्वालियर किले में कैद कर रखा था। कहा जाता है कि, एक फकीर की सलाह पर जहांगीर ने गुरु हरगोबिंद जी को रिहा करने का हुक्म जारी किया। पर गुरु साहिब ने ये कहकर रिहा होने से इंकार कर दिया कि, हमारे साथ कैद 52 राजा रिहा किए जाएंगे, तभी हम भी बाहर आएंगे। इसपर जहांगीर ने शर्त रखी कि, जितने राजा गुरु हरगोविंद साहिब का दामन थाम कर बाहर आ सकेंगे, वे रिहा कर दिए जाएंगे।
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इस साल 400वां दिवस
बादशाह को लग रहा था कि 52 राजा इस तरह बाहर नहीं आ सकेंगे। पर दूरदृष्टि रखने वाले गुरु साहिब ने कैदी राजाओं को रिहा करवाने के लिए 52 कलियों का अंगरखा सिलवाया। गुरु जी ने उस अंगरखे को पहना और हर कली के छोर को 52 राजाओं ने पकड़ लिया। इस तरह सभी राजा गुरु गोबिंद साहिब के रिहा हो गए। गुरु हरगोविंद साहिब को इसी वजह से दाता बंदी छोड़ कहा गया। गुरुजी के रिहा होने की याद में हर साल दाता बंदी छोड़ दिवस मनाया जाता है। इस साल 400वां दिवस मनाया जा रहा है। ऐतिहासिक ग्वालियर किले पर गुरुद्वारे की स्थापना कि गई है, जो दुनियांभर में गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ के नाम से विख्यात है।
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