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ग्वालियर

आठ लाख देने के बाद भी अलग नहीं हो सकी कोल्ड ओपीडी

कोरोना संक्रमण के दौर में स्वास्थ्य विभाग मरीजों की चिंता नहीं कर रहा है। जेएएच में सवा महीने से कोल्ड ओपीडी को अलग करने के लिए काम शुरू किया गया। इसके लिए जेएएच प्रबंधन ने आठ रुपए एडवांस…

ग्वालियरAug 04, 2020 / 06:55 pm

रिज़वान खान

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आठ लाख देने के बाद भी अलग नहीं हो सकी कोल्ड ओपीडी

ग्वालियर. कोरोना संक्रमण के दौर में स्वास्थ्य विभाग मरीजों की चिंता नहीं कर रहा है। जेएएच में सवा महीने से कोल्ड ओपीडी को अलग करने के लिए काम शुरू किया गया। इसके लिए जेएएच प्रबंधन ने आठ रुपए एडवांस में पीडब्ल्यूडी को दे भी दिए, लेकिन इसके बाद भी आज तक कोल्ड ओपीडी दूसरे स्थान पर शुरू नहीं हो सकी। इसके चलते आज भी कोल्ड और रुटीन ओपीडी के मरीज एक ही स्थान पर आकर अपना इलाज करा रहे हैं। इससे अब एक बार फिर से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। हालात यह है कि कोल्ड ओपीडी में सर्दी, खांसी और जुखाम के गंभीर मरीज भी आते हैं। ऐसे में इन मरीजों के लक्षण अगर रुटीन ओपीडी वाले मरीजों में आ गए तो संकट और भी बढ़ जाएगा। जेएएच प्रबंधन ने कोल्ड ओपीडी के लिए ट्रॉमा सेंटर के पास में जगह आरक्षित की । इस जगह पर अस्थाई कमरे भी बनाए गए, लेकिन इनको अभी तक शुरु नहीं किया गया है जबकि यह पूरा काम तीन से चार दिन का था। लेकिन लापरवाही की हद के आगे इसे पूरा नहीं किया गया है।

ग्यारह केबिन तैयार
ट्रॉमा सेंटर के पास बनने वाली कोल्ड ओपीडी में डॉक्टर, मरीजों के साथ जांच करने के लिए मिलाकर कुल 11 केबिन बनने है। इसके साथ मरीजों के बैठने के लिए भी जगह बननी है। इसमें से कुछ केबिन तो बनकर तैयार हो गए है। वहीं लाइट और पंखों के साथ कूलर लगने है। लेकिन थोड़ा से काम के चलते यह अब पूरी ही शुरू नहीं हो पा रही है।

पीडब्ल्यूडी ने नहीं दिया हमें
कोल्ड ओपीडी के लिए आठ लाख का भुगतान कर दिया गया है। इसके बावजूद भी अभी तक पीडब्ल्यूडी ने इसे बनाकर हमें नहीं दिया है। इससे कोल्ड नये स्थान पर शुरू नहीं हो पा रही है।
डॉ. आरकेएस धाकड़, अधीक्षक जेएएच

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