पुलिस का कहना है आरोपी नेत्रपाल भदौरिया कुंजविहार,गोला का मंदिर का रहने वाला है। उसके पिता गुना में पुलिस में पदस्थ हैं। परिजन बता रहे हैं कि वह कुछ दिन पहले ही यहां रहने आया है। उसका चतुर्भुज के वार्ड 21 से कोई ताल्लुक नहीं है,फिर इतनी भीड़ लेकर पार्षद चतुर्भुज के घर क्यों पहुंच गया। जबकि कुंजविहार की सडक़ें भी खस्ता हाल हैं। वहां पार्षद से शिकायत क्यों नहीं। उधर नेत्रपाल कह रहा है चतुर्भुज के वार्ड से गुजर रहा था। सडक़ पर गड्ढे में गिर गया तो गुस्सा आ गया। इसलिए भीड़ को लेकर गया था।
नेत्रपाल कुछ दिन पहले ही शहर में आया तो पार्षद के घर कैसे पहुंच गया। 101 लोग उसके समर्थन में पार्षद का घर घेरने कैसे आ गए। अगर पब्लिक सडक़ में गड्ढे को लेकर आक्रोशित थी तो पुलिस के आने पर भागी क्यों।आक्रोशित लोग घर में क्यों घुसना चाहते थे। उनका इरादा क्या था।
नेत्रपाल के पकड़े जाने का पता चलने पर उसके परिजन थाने पहुंच गए। उनका कहना था कि नेत्रपाल की मनोस्थिति ठीक नहीं है। उस पर पुलिस कार्रवाई नहीं करे। वह बीमार है, उसकी दवाएं चल रही हैं। एफआइआर नहीं कराने को लेकर थाने में पार्षद धनौलिया से भी कहासुनी हुई।
धनौलिया परिवार ने बताया मंगलवार रात करीब 8.30 बजे 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ घर के बाहर इकट्ठा हो गई। लोगों ने आवाज लगाकर कहा पार्षद को बाहर बुलाओ,उससे बात करना है। उस वक्त चतुर्भुज घर पर नहीं थे। उनके बड़े भाई नरेश ने लोगों से सुबह आने के लिए कहा तो नेत्रपाल और उसके साथी भडक़ गए। घर में घुसने की कोशिश की, किसी तरह उन्हें रोका तो दरवाजे को खोलने के लिए धक्के दिए।