जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में 2017-18 के स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल देने जा रहा है। इनमें बीलिब, एमलिब, हिंदी, संस्कृत, अर्थशास्त्र, लोक प्रशासन, राजनीति शास्त्र, गणित, रसायन शास्त्र, वनस्पति शास्त्र, बायोटेक्नोलॉजी, बीकॉम, एमकॉम, बीपीएड, होमसाइंस, एलएलबी, एलएलएम शामिल हैं। इसके अलावा स्टूडेंट्स को डिग्री एवं पीएचडी की उपाधि भी दी जाएंगी। इसी प्रकार म्यूजिक यूनिवर्सिटी 2016-17 और 2017-18 के विभिन्न कोर्सेज के स्टूडेंट्स को मेडल देगा। इनमें गायन, कथक, चित्रकला, नाट्य, तबला के स्टूडेंट्स शामिल हैं। इसके अलावा 4 स्टूडेंट्स को पीएचडी की उपाधि दी जाएगी।
तानसेन की नगरी से पदक मिलना सौभाग्य की बात
स्कूल टाइम से ही मुझे गायन का शौक था। 12वीं के बाद इसे मैंने अपना कॅरियर बनाने का फैसला लिया और वोकल कोर्स के लिए मैंने संगीत की नगरी ग्वालियर को चुना। मेरा सपना पूरा हो गया। तानसेन की नगरी से स्वर्ण पदक मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
हैप्पी शर्मा, वर्ष- 2016-17
बीए वोकल- 75 परसेंट
गोल्ड मेडल के बारे में सुन दूर हुई नाराजगी
मैं इंजीनियरिंग के लिए ग्वालियर आया था। एक साल तक एमआइटीएस में पढ़ाई भी की, लेकिन मन नहीं लगा। उसी समय तानसेन समारोह सुनने पहुंचा। तब लगा कि मुझे गायन कोर्स करना चाहिए। पापा ने डांटा क्या बेवकूफी है। लेकिन गोल्ड मेडल के बारे में सुन उनकी नाराजगी दूर हुई।
केशव प्रसाद, वर्ष- 2017-18
बीए गायन- 78 परसेंट
पापा की बात मान नृत्य में बनाया कॅरियर
बचपन में मैं वेस्टर्न डांस करती थी। इस पर पापा ने कहा कि बेटा शास्त्रीय संगीत में अपना कॅरियर बनाओ। तब मैंने नृत्य को चुना। आज शहर और बाहर कथक, भरतनाट्यम में मेरी पहचान है। यह गोल्ड मेडल मेरा नहीं पापा की अथक मेहनत का परिणाम है। मैं एजुकेशन और परफॉर्मेंस दोनों में अपना कॅरियर बनाऊंगी।
साक्षी शर्मा, वर्ष- 2017-18
बीए कथक- 82 परसेंट
खुद को निखारने के लिए की मेहनत
मैंने केवल अच्छे माक्र्स लाने की चाह में मेहनत नहीं की। बल्कि खुद में निखार लाने के लिए मैंने म्यूजिक को चुना। मेरी मेहनत का ही परिणाम है कि मुझे गोल्ड मेडल मिलने जा रहा है। मेरा फोकस हमेशा रियाज पर रहा। जब भी समय मिला अपनी स्टडी और परफॉर्मेंस पर फोकस रखा।
निकिता नाइक, वर्ष- 2016-17
एमए म्यूजिक- 77 परसेंट
प्रोफेशनल वोकलिस्ट बन बढ़ाऊंगी मान
मेरे पूरा परिवार शास्त्रीय संगीत से जुड़ा है। इसलिए परिवार का माहौल भी मुझे वही मिला। यही कारण रहा कि मैंने भी संगीत में कॅरियर बनाने की सोची। अभी मुझे बहुत आगे जाना है। आगे चलकर मैं पापा की तरह मेहनत करूंगी और प्रोफेशनल वोकलिस्ट बनकर ग्वालियर का मान बढ़ाऊंगी।
रागिनी देवले, 2017-18
बीए वोकल, 80.19 परसेंट
जीवाजी यूनिवर्सिटी
कल मिलेगा मेडल, होगा सपना पूरा
मैंने गवर्नमेंट कॉलेज में पढ़ाई के बाद भी डेली क्लासेस लीं। गाइड की जगह बुक से तैयारी की और हर एक कॉन्सेप्ट को क्लियर रखा। हर सेमेस्टर में परसेंटेज सुधारने की कोशिश की। यही कारण रहा कि मेरे खाते में गोल्ड मेडल आया। कल मुझे गोल्ड मेडल मिलेगा और मेरा सपना पूरा होगा।
सौम्या चौहान, वर्ष- 2017-18
बीकॉम- 75.85 परसेंट
आज सभी ने माना सही था मेरा डिसीजन
मैंने जब हिंदी लिट्रेचर सब्जेक्ट चुना, तो सभी ने कहा कि हिंदी लेकर क्या करोगी। कॅरियर बनाना है तो इंग्लिश में बनाओ। इसमें अच्छे माक्र्स लाना भी कठिन है। लेकिन आज जब मैं गोल्ड मेडल के लिए सिलेक्ट हुई हूं, तो सभी मेरे डिसीजन को सही मान रहे हैं।
सरिता राठौर, 2017-18
एमए हिंदी लिट्रेचर-77.88 परसेंट
बीएससी में भी मिल चुका है गोल्ड मेडल
मैं बीएससी में भी गोल्ड मेडल ला चुकी हूं। इसलिए मेरा सपना था कि एमएससी में भी गोल्ड मेडल पर मेरा ही कब्जा हो। इसके लिए मैंने प्रॉपर स्टडी पर फोकस रखा। हालांकि कॉम्पीटिशन बहुत था, लेकिन मैंने हमेशा गोल्ड मेडलिस्ट बनने की सोची और सफल भी रही।
कामिनी पाल, 2017-18
एमएससी होमसाइंस- 75 परसेंट