अगस्त 2023 में पटवारी हड़ताल हो गई थी। पटवारियों की हड़ताल खत्म हुई तो विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई। आचार संहिता लगने के बाद शहर सहित जिले में राजस्व के काम थम गए, जिससे बड़ी संख्या में नामांतरण के बढ़ गए थे। राजस्व की अलग-अलग योजना के 31 हजार आवेदन लंबित हो गए थे। इस पेडेंसी के चलते तहसीलों में भीड़ हो रही थी। इसे कम करने के लिए राजस्व महाभियान चलाया गया। हर दिन अभियान की समीक्षा की गई। तहसील व पटवारी स्तर पर बड़ी संख्या में आवेदन लंबित निकले, जिससे चलते निलंबन की कार्रवाई भी की गई। गांव की तहसीलों में नामांतरण केस काफी हो गए। शहर की तहसीलों में अभी प्रकरण लंबित है। 12 मार्च तक राजस्व महाभियान और चलेगा।
एक पटवारी किए निलंबित, एक की वेतन वृद्धि रोकी शहर की तहसीलों में नामांतरण के प्रकरणों के लंबित की स्थिति तहसील 3 महीने से लंबित मुरार 866 बड़ागांव 615 पुरानी छावनी 582
सुपावली 397 डबरा 518 पिछोर 615 सिटी सेंटर 55 मेहरा 63 बहोड़ापुर 96 गिरवाई 94 लश्कर 50 ( जिले की 26 तहसीलों में 5 हजार 297 प्रकरण लंबित है।)
नक्शे में आ रही दिक्कतhttps://www.patrika.com/gwalior-news/vyapam-scandal-took-two-memorandums-at-one-time-did-not-even-collect-8762651 शहर क्षेत्र में एक सर्वे नंबर में छोटे-छोटे प्लॉट कट गए है। इस कारण राजस्व रिकॉर्ड में नक्शा दर्ज करने में दिक्कत आ रही है। इस समस्या को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हर दिन राजस्व महाभियान की समीक्षा भी कर रहे हैं। अक्षय कुमार सिंह, कलेक्टर ग्वालियर