ईसी की बैठक में छात्रों की समस्याओं का समाधान करने की बजाय ठेका और पैसे को लेकर ही चर्चा होती है, इसलिए कार्यपरिषद को भंग किया जाए।
जेयू में प्रवेश, परीक्षा और परिणाम हमेशा से सवालों के घेरे में रहे हैं। इसके दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
कुलसचिव का ध्यान परीक्षा, प्रवेश सहित अन्य गंभीर मुद्दों पर नहीं हैं, इन पर भी कार्रवाई की जाए।
जीवाजी विश्वविद्यालय में जो भी काम होते हैं, उसके लिए कुलपति भी जिम्मेदार हैं।