scriptFee increase in schools स्कूल ने लिखकर दिया कि फीस 9.50 फीसदी बढ़ी, पर हकीकत में बढ़ोतरी हुई 20-25 फीसदी तक | Fee increase in schools The school wrote that the fees had increased by 9.50 percent, but in reality the increase was up to 20-25 percent | Patrika News
ग्वालियर

Fee increase in schools स्कूल ने लिखकर दिया कि फीस 9.50 फीसदी बढ़ी, पर हकीकत में बढ़ोतरी हुई 20-25 फीसदी तक

Fee increase in schools

ग्वालियरJun 03, 2024 / 11:17 am

Balbir Rawat

स्कूल में फीस जमा करने पहुंच रहे अभिभावकों को जेब आए बोझ के बाद हुआ अहसास नोटिस के बाद हकीकत की पड़ताल नहीं पहुंचे जिला शिक्षा अधिकारी

स्कूल में फीस जमा करने पहुंच रहे अभिभावकों को जेब आए बोझ के बाद हुआ अहसास नोटिस के बाद हकीकत की पड़ताल नहीं पहुंचे जिला शिक्षा अधिकारी

rease in schools

निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी को शासन व प्रशासन सख्ती दिखा रहा है, लेकिन शासन की मंशा को शिक्षा विभाग पलीता लगा रहे हैं। जिन स्कूलों ने शिक्षा विभाग को लिखकर दिया है कि उन्होंने 9.50 फीसदी फीस बढ़ाई है, स्कूलों के जवाब को मान्य कर जांच करने के लिए आगे नहीं बढ़े। अब अभिभावक स्कूलों में फीस जमा करने पहुंच रहे हैं, तब उन्हें फीस बढ़ोतरी का असल अहसास हो रहा है। औसतन 20 से 25 फीसदी फीस बढ़ोतरी का बोझ उनकी जेब पर आया है। आया है। पत्रिका ने शहर के प्रमुख स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों से बात की और कितनी फीस बढ़ी है। उनसे फीस बढऩे का गणित जाना। फीस बढ़ोतरी की चौकाने वाली स्थिति सामने आई है। ग्वालियर के अभिभावक भी स्कूल संचालकों की मनमानी पर जबलपुर जैसा एक्शन चाहते हैं, जिससे फीस बढ़ोतरी पर अंकुश लग सके।
दरअसल एक अप्रेल को स्कूल खुलने के पहले महंगी किताबों के चलते अभिभावकों की हालत खराब हो गई थी। कलेक्टर ने किताब व फीस बढ़ोतरी की जांच के लिए एसडीएम को भेजा गया। स्कूल संचालक व किताब प्रकाशकों का गठजोड़ सामने आया कि एनसीईआरटी की जगह निजी प्रकाशकों की बुकों को कोर्स में शामिल किया गया। महंगी से महंगी किताब कोर्स में शामिल थी, जिससे पालकों को एक सेट 3500 हजार से 7000 रुपए के बीच पड़ा था। इसके अलावा फीस बढ़ोतरी को लेकर भी जांच की, जिसमें 35 स्कूलों को फीस बढ़ोतरी को लेकर कारण बताओ नोटिस दिया। सीबीएसई के कुछ स्कूलों फीस के बारे में जानकारी। स्कूलों ने लिखकर दे दिया कि 9.50 फीसदी ही फीस बढाई है। 9.50 फीसदी की जानकारी देने वाले स्कूलों की जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच नहीं की। उनके जवाब को मान्य करके कार्रवाई खत्म कर दी। जबकि जो स्कूल 9.30 फीसदी फीस बढ़ाना बता रहे हैं, उनके 21 से 25 फीसदी की बढ़ेतरी हुई है।

फीस बढ़ोतरी का गणित ऐसे समझें, अभिभावक लुट रहे

– जैसे अभिभावकों 2023 में आठवीं कक्षा में 38500 रुपए फीस दी। जब बच्चा 9 वीं कक्षा में आया तो उसके ऊपर भारी-भरकम फीस का बोझ डाल दिया। स्कूलों ने तर्क दिया कि कक्षा 9 वीं का स्लेब 43 हजार रुपए है। स्कूल शासन के नियम का हवाला देते हुए 43 हजार पर 9.50 फीसदी फीस बढ़ोतरी की। 9.50 फीसदी के हिसाब से 4 हजार रुपए की बढ़ोतरी की है। इस तरह से फीस हो गई 47 हजार रुपए
– कक्षा 9 वीं में फीस बढ़ोतरी का अभिभावक की जेब पर 9000 रुपए का बोझ आया। 20 फीसदी फीस बढ़ोतरी हुई।

– 9.50 फीसदी फीस बढ़ोतरी का हवाला दे रहे हैं, उन सभी स्कूलों ने इसी फॉर्मुले को अपनाया है। इस फॉर्मुले से जो फीस बढ़ी, उस चालाकी को पकडऩे के लिए अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण करने नहीं पहुंचे।
– अभिभावक भी बच्चे की पढाई को लेकर भय खा रहे हैं कि कहीं शिकायत की तो स्कूल संचालक उसके बच्चों का नुकसान न कर दे। इसलिए शिकायत के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।
– स्कूलों में फीस जमा की, तब अभिभावकों को उनका गणित सामने आया है।

ऐसे पकड़ सकते हैं स्कूलों संचालकों की मनमानी को

– 2022, 2023 की फीस का रिकॉर्ड लेते हुए 2024 की फीस से तुलना कर सकते हैं। इससे स्थिति साफ हो जाएगा कि स्कूलों ने हर साल अभिभावकों पर कितना बोझ डाला है।
– स्कूलों में पढऩे वाले अभिभावकों से भी बात कर जानकारी ली जा सकती है, जैसे कि कार्मल कॉन्वेंट, सेंट जोसफ स्कूल, रामश्री किड्स स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावकों से एसडीएम ने पिछला व नया डेटा लिया था।
फीस वापसी का आदेश हुआ, पर अमल नहीं

-कॉर्मल कान्वेंट स्कूल फालका बाजार पर 9,09,600

-रामश्री किड्स स्कूल हरीशंकरपुरम पर 3,47,553

-सेंट जोसफ कान्वेंट स्कूल पिपरौली 2,64,082

– तीन स्कूलों से फीस वापसी का आदेश हो चुका है, लेकिन अमल नहीं हो सका है। अभिभावकों को पैसे वापस नहीं मिले हैं।
एक स्कूल की शिकायत आई है। स्कूल ने 9.50 फीसदी फीस बढ़ोतरी की जानकारी दी थी। वास्तविक फीस बढ़ोतरी कितनी की है, उसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी को जांच के लिए भेजा गया है। वह स्कूल की जांच कर वास्तविक स्थिति बताएंगे। चुनाव परिणाम के स्कूलों की फीस बढ़ोतरी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रुचिका चौहान, कलेक्टर ग्वालियर

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