दरअसल जनपद पंचायत भितरवार की ग्राम पंचायत करहिया की पूर्व सरपंच गुड्डी बाई बाथम ने प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना के अंतर्गत चार अपात्र व्यक्तियों को आवास का लाभ दिया। 4 लाख रुपए का अपात्रों को भुगतान किया। जब मामला संज्ञान आया तो गांव के तत्कालीन सरपंच, सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक गबन करने के दोषी पाए गए। 1 लाख 30 हजार रुपए गुड्डी बाई कोष में जमा कराने का आदेश दिया, उन्होंने रशि जमा नहीं की। जनपद पंचायत ड़बरा की ग्राम पंचायत बारोल के पूर्व सरपंच मुन्नालाल आदिवासी ने सोलर लाईट क्रय कर 4 लाख 76 हजार शासकीय धनराशि का दुरुपयोग किया गया। उक्त मामले में भी तत्कालीन सरपंच एवं सचिव भी दोषी पाए गए थे। इस पर जिपं सीईओ ने पूर्व सरपंच को 1 लाख 88 हजार शासन के कोष में जमा कराने के निर्देश दिए थे। इन्होंने 60 हजार रुपए जमा किए। शेष राशि जमा नहीं की, जिसके चलते जेल भेजने का आदेश दिया है।
इनके ऊपर भी है गबन, जाना पड़ेगा जेल – हरसी पंचायत की पूर्व सरपंच गुड्डी बाई ने मनरेगा में मृत, शासकीय सेवक, एक व्यक्ति के दो-दो जॉब कार्ड तैयार कर फर्जी मजदूरी निकाली। 17 लाख 71 हजार रुपए भुगतान कर गंभीर अनियमितता की। मृतकों के नाम मनरेगा से रुपए निकाले। पूर्व सरपंच, तत्कालीन पंचायत सचिव, रोजगार सहायक को दोषी माना। गुड्डी बाई मृतकों के नाम रुपए निकालकर गबन किया। 8 लाख 43 हजार रुपए गुड्डीबाई ने जमा नहीं किए। इसके चलते जेल जाना पड़ेगा।
– जनपद पंचायत भितरवार की ग्राम पंचायत ईटमा की पूर्व सरपंच रामश्री पत्नी पहलूराम ने निर्मल भारत अभियान, परफारमेन्स ग्रान्ट फण्ड पंचायत भवन एवं पंच परमेश्वर योजना के तहत 21 लाख 58 लाख 900 रुपए बिना कार्य कराए खाते से निकाल लिए। पूर्व सरपंच को 1 लाख 16 हजार 284 शासन कोष में जमा कराए जाने के आदेश दिए गए थे। लेकिन पूर्व सरपंच रामश्री द्वारा सिर्फ 60 हजार 100 रुपए ही जमा कराए गए और शेष राशि 56 हजार 284 जमा नहीं कराए गए। इसके चलते जेल भेजने का आदेश दिया है।