हंगामें के दौरान आयोजन स्थल की पार्किंग से निकलकर पांच लोगों ने सडक़ के किनारे खड़े लगभग 20 वर्ष के एक युवक की बेरहमी से मारपीट कर दी। पिटाई से युवक के सिर और मुंह में चोट आई हैं। इस दौरान एक पत्रकार ने बीच बचाव की कोशिश की तो युवकों ने उसकी भी पिटाई कर दी। मारपीट के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने मंत्री के खिलाफ एफआइआर के लिए गोला का मंदिर थाने में आवेदन देने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने आवेदन नहीं लिया।
युवाओं द्वारा मंत्री के न आने पर गेट के सामने धरना देकर नारेबाजी करने पर एएसपी अमन सिंह राठौड़ के निर्देश पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को स्थल से उठाना शुरू कर दिया। जब आंदोलनकारी नहीं उठे तो पुलिस कर्मियों ने युवक और युवतियों को जबरन टांगकर पुलिस वैन में चढ़ा दिया और डीआरपी लाइन भेज दिया। गिरफ्तार हुए युवाओं में अभिभाषक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीरज भार्गव, अभिभाषक अनुपमा सिंह, शिल्पा डोगरा सहित दो दर्जन से अधिक लोगों को देर शाम तक डीआरपी लाइन से छोड़ा नहीं गया था।
गिरफ्तारी के बाद युवाओं ने पुलिस पर पक्षपात के आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। युवाओं का कहना था कि आंदोलन में शामिल अभिभाषकों ने पुलिस अधिकारियों से पूछा था कि अधिकार की लड़ाई के लिए धरना देकर किस कानून का उल्लंघन किया है, इसको सुनकर कुछ देर पुलिस कर्मी शांत रहे, लेकिन बाद में बलपूर्वक सभी को गेट से उठा दिया।