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ग्वालियर

रंगमंच पर सजी गजल की महफिल

ग्वालियर व्यापार मेला में कार्यक्रम

ग्वालियरJan 30, 2020 / 05:09 pm

Mahesh Gupta

रंगमंच पर सजी गजल की महफिल

रंगमंच पर सजी गजल की महफिल

ग्वालियर.
ग्वालियर व्यापार मेला में बुधवार की शाम गजल की महफिल सजी। गायक नरेश काटे ने प्रख्यात गायकों की गजल पेश कर समां बांधा। वहीं मुंबई से आए शशांक ठाडा ने अपनी सुरमयी आवाज से इस महफिल को और भी रंगीन बनाया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मेला के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक शर्मा एवं विशिष्ट अतिथि सचिव मजहर हाशमी, कार्यक्रम संयोजक नवीन परांडे उपस्थित रहे।

नरेश काटे ने कार्यक्रम की शुरुआत प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है… से की। उन्होंने पंकज उदास, मेहंदी हसन, जगजीत सिंह, नसीम रिफ त आदि की गजलें सुनाकर समां बांध। काटे ने ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो…, हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफि र की तरह…, कितनी राहत है दिल टूट जाने के बाद…, चि_ी आई है…सुनाकर हर एक का दिल जीता।
दे रात तक बांधा समां
मुंबई से आए गजल गायक शशांक ठाडा ने इस महफिल का सफर आगे बढ़ाते हुए जिंदगी जब भी तेरी बज्म में लाती है हमें… गजल पेश की। उन्होंने खुदा करे कि मोहब्बत में वो मुकाम आए…, तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है…, आज जाने की जिद न करोण्…, जब आंचल रात का लहराए…, किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी है… सहित कई गजलें पेश कीं।
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