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ग्वालियर

आधार कार्ड ने बर्बाद कर दिया इस युवक का जीवन, परेशान होकर सरकार से मांगी इच्छामृत्यु

आधार कार्ड ने बर्बाद कर दिया इस युवक का जीवन, परेशान होकर सरकार से मांगी इच्छामृत्यु

ग्वालियरApr 19, 2019 / 01:31 pm

Gaurav Sen

gwalior boy demand mercy because of aadhar card mistake

आधार कार्ड ने बर्बाद कर दिया इस युवक का जीवन, परेशान होकर सरकार से मांगी इच्छामृत्यु

ग्वालियर। वर्तमान में हमारे जीवन में आधार जरूरत बन चुका है। इसके बिना न तो स्कूल में एडमिशन होता है और न ही नौकर मिलती है। लेकिन यह आधार डीडी नगर निवासी रोहित सिंह तोमर के लिये परेशानी बन चुका है। आधार कार्ड में हुई गल्ती से उसकी जिंदगी थम सी गई है। अब उसे न तो नौकरी मिल रही है और न ही बैंक में खाता खुल पा रहा है। इसके लिए उसने जिम्मेदारों से गुहार भी लगाई, लेकिन हर जगह निराशा ही हाथ लगी।

रोहित के आधार कार्ड में फिंगर प्रिंट तो उसका ही है लेकिन नाम और जन्मतिथि उसके दादाजी की छपी हुई है। ऐसे में रोहित जहां भी अपना किसी काम के लिए आधार कार्ड लेकर जाता है उसे साफ-साफ मनाकर कह दिया जाता है कि पहले आधार में करेक्शन करावाओ। आधार की इस खामी के चलते रोहित का न तो बैंक में खाता खुल पा रहा है और न ही वह किसी जॉब के लिए आवेदन कर पा रहा है। कलेक्टर से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक में अपनी समस्या की गुहार लगा चुके रोहित का कहना है कि मैं जिंदगी से त्रस्त हो चुका हूं अब तो इच्छामृत्यु की मांग करूंगा।

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2012 में बनवाया था आधार

रोहित ने बताया हमारे गांव एंडोरी में 2012 में मैंने परिवार के साथ आधार कार्ड बनवाया था। जब कार्ड बनकर आया तो उसमें मेरे नाम की जगह दादाजी का नाम विध्याराम और जन्मतिथि 01-01-1926 लिखा आया। जबकि मेरी जन्मतिथि 02-02-2002 है। आधार कार्ड में फिंगर प्रिंट भी मेरे ही हैं। रोहित ने बताया कि दादाजी का देहांत भी हो चुका है।

दोस्तों से पिछड़ता जा रहा हूं
रोहित का कहना है कि मेरे सभी दोस्त आगे निकलते जा रहेे हैं पर मैं उनसे पिछड़ता जा रहा हूं। ये सब आधार कार्ड की गल्ती के कारण हो रहा है। रेलवे और नेवी की नौकरी का फॉर्म नहीं भर पाया और अब आर्मी की भर्ती में भी शामिल नहीं हो पाऊंगा।

पहली बार आया है ऐसा मामला
जहां तक मुझे पता है इस तरह का ये मामला पहला ही है। मुझे थोड़ा समय दीजिए मैं भोपाल में बात करके इस बारे में कुछ जानकारी दे पाऊंगा। संबंधित की समस्या का निदान कराया जाएगा।
आशीष जैन, मैनेजर, ई-गवर्नेंस

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