यह प्रयोग होना चाहिए
- परिवहन में छोटे वाहनों का इस्तेमाल सड़कों पर वाहनों की गिनती बढ़ा रहा है। उसकी जगह बस, मिनी बस का संचालन होना चाहिए।
- मेन बाजार में से शहर की आउटर कॉलोनियों तक रास्तों के हिसाब से परिवहन के साधन का संचालन
- जरूरत के हिसाब से मेन बाजार नो व्हीकल जोन बनाए जाएं। सख्ती से पालन कराया जाए।
प्रयोग हुए नाकाम
- दो दशक पहले शहर में निजी सिटी बस का संचालन किया गया। लेकिन वाहनों की भीड़ बढ़ने की वजह से सवारी बसों को जाम की वजह मान कर सड़कों से हटाया गया।
- कुछ साल पहले फिर सिटी बस का प्रयोग किया गया। लेकिन रास्तों के हिसाब से बस की लंबाई चौड़ाई ज्यादा मानी गई और प्रयोग नाकाम रहा।
एक्सपर्ट व्यू
शहर की सड़कों को चौड़ा किया जा चुका है। कुछ रास्तों की बात छोड़ें ज्यादातर रास्तों पर बस और मिनी बस का परिवहन में इस्तेमाल किया जा सकता है। जिन रास्तों पर परिवहन के बड़े साधन संचालित किए गए उन पर टेंपो और दूसरे सवारी वाहनों को परमिट नहीं दिया जाए। इस प्रयोग से रास्तों पर परिवहन के साधन सीमित होंगे। क्योंकि आने वाले वक्त की जरूरत भी यही है। समय रहते योजनात्मक तरीके से इस बारे में नहीं सोचा गया तो आने वाले समय में रास्ते पर चलने के लिए संघर्ष की स्थिति होगी।शैलेन्द्र पांडेय, रिटायर्ड एसपी