गौरतलब है कि रमपुरा अछरौनी निवासी शोभाराम पुत्र रामप्रसाद लोधी पर गुरुवार को एक महिला ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। उसके बाद गांव के ही कुछ लोगों ने शोभाराम के साथ मारपीटकर दी थी और फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों की पिटाई से घायल शोभाराम को पहले मेडिकल के लिए खनियांधाना अस्पताल ले गए थे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे कोई गंभीर चोट नहीं बताई। शाम पांच बजे से रात आठ बजे तक शोभाराम पुलिस थाना खनियांधाना में रहा और उसके बाद उसकी एकाएक हालत इतनी बिगड़ी कि पुलिस उसे जब खनियांधाना अस्पताल लेकर पहुंची तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
रात से ही इक_ा होने लगा था पुलिस फोर्स
खनियांधाना थाने में हुई शोभाराम की मौत का मामला राजनीतिक रूप से गरमा सकता है, इस नजरिए से आसपास के पुलिस थानों सहित शिवपुरी से पुलिस फोर्स की रवानगी खनियांधाना क्षेत्र में गुरुवार की रात से ही शुरू हो गई थी। शुक्रवार की सुबह जब लोगों की नींद खुली तो हर जगह सिर्फ पुलिस ही पुलिस नजर आ रही थी। लोधी समाज के लोगों के अलावा कुछ भाजपा नेता भी खनियांधाना पहुंचे, लेकिन वहां पर पुलिस की संख्या अधिक देखकर किसी तरह का कोई उपद्रव नहीं हो सका। बताते हैं कि कुछ जगह पर ट्रॉलियों में पत्थर इक_े करके रखे गए थे, लेकिन पुलिस की सख्ती के चलते वो ट्रॉलियां भी वहां से हटा दी गईं।
शोभाराम का पोस्टमार्टम सुबह खनियांधाना में ही कराया गया। इस दौरान कुछ लोगों ने परिवारजनों को चक्काजाम व धरना जैसी बातें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने ऐसी समझाइश देने वालों को वहां से हटाकर अपनी निगरानी में ले लिया। जिसके चलते नगर में किसी तरह के उपद्रव की कोई कार्ययोजना बन ही नहीं सकी। दोपहर तक स्थानीय लोग भाजपा प्रत्याशी रहे प्रीतम लोधी का इंतजार करते रहे और जब प्रीतम वहां पहुंचे तो उन्होंने भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील रघुवंशी के साथ मिलकर एसपी को ज्ञापन सौंपकर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। एसपी द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया, जिसमें भी बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।
देर से खुला बाजार
सुबह से जहां खनियांधाना नगर पुलिस छावनी बना हुआ था, वहीं लोधी समाज के लोग भी बाजार में घूम रहे थे। जिसके चलते स्थानीय दुकानदार व लोगों में यह दशहत थी कि कोई उपद्रव न हो जाए। इसी डर की वजह से नगर का बाजार भी सुबह अपने निर्धारित समय पर नहीं खुला, चाय व चाट-पकौड़ी की दुकानें तो खुली रहीं, लेकिन बड़ी दुकानों के शटर बंद ही रहे। जब पीएम के बाद शव को अंतिम संस्कार को ले जाया गया, तब नगर का बाजार खुल सका।
एसपी को सौंपे ज्ञापन में उल्लेख किया है कि शोभाराम लोधी को पुलिस थाने में तीन घंटे तक टॉर्चर किया गया, जिस वजह से उसकी मौत हो गई। यदि ग्रामीणों की पिटाई से उसकी हालत खराब हुई थी तो उसे इलाज के लिए क्यों नहीं भेजा गया?। इसलिए दोषी पुलिसकर्मियों पर करवाई जाए। ज्ञापन में कार्यवाही के लिए 27 अगस्त तक का समय दिया है, अन्यथा उसके बाद धरना आंदोलन की चेतावनी दी है।