कानून के तहत कार्रवाई की
न्यायमूर्ति शील नागु एवं न्यायमूर्ति राजीव कुमार श्रीवास्तव ने रामकरन राजावत की बेटी आकांक्षा राजावत द्वारा एडवोकेट योगेश चतुर्वेदी के माध्यम से प्रस्तुत याचिका को स्वीकार करते हुए उक्त आदेश दिए हैं। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि कलेक्टर भिंड ने कानून को बिना देखे रामकरन राजावत पर राष्ट्रीय कानून के तहत कार्रवाई की है।
गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया
इस कारण याचिकाकर्ता के पिता को जो पीड़ा हुई इसके लिए शासन उन्हें हर्जाने की राशि प्रदान करे।30 नवंबर 19 को भेजा जेलयाचिका में कहा गया कि रामकरण राजावत के खिलाफ राजनीतिक कारणों से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई है। रामकरन राजावत जो कि भाजपा से जुड़े हुए हैं। उनके खिलाफ लोकसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई किए जाने के आदेश दिए गए थे। इस आदेश के एक साल बाद 30 नवंबर 19 को रामकरन राजावत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
मामला भी दर्ज किया गया
जिला प्रशासन ने इस कार्रवाई के लिए रामकरन के खिलाफ नौ बिंदू तय किए थे जिस आधार पर उन्हें जेल भेजा गया। इसमें वर्ष 2001 से 2009 तक के उनके खिलाफ दर्ज सामान्य मारपीट के मामले थे। वहीं दस साल बाद 2018 में उनके खिलाफ गाली देने का मामला भी दर्ज किया गया था।
नियम विरुद्ध की गई कार्रवाई
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता योगेश चतुर्वेदी का कहना था कि रामकरन राजावत के खिलाफ राजनीतिक कारणों से नियम विरुद्ध कार्रवाई की गई थी। इस कारण इस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। उनका कहना था कि कार्रवाई के लिए जो आधार लिए गए हैं वे गलत थे। उच्च न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायिक दृष्टांतों का उल्लेख करते हुए रामकरन राजावत के खिलाफ की गई कार्रवाई को निरस्त कर दिया।