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ग्वालियर

हाईकोर्ट की तीखी टिप्पणी, पुलिस पर भरोसा नहीं, मामले की जांच अब सीबीआइ करेगी

gwalior high court: गैंगरेप के आरोपियों की मदद करने पर 5 पुलिस अधिकारियों पर एफआइआर, अब सीबीआई से होगी जांच…।

ग्वालियरJun 24, 2021 / 11:14 am

Manish Gite

हाईकोर्ट की तीखी टिप्पणी, पुलिस पर भरोसा नहीं, मामले की जांच अब सीबीआइ करेगी

हाईकोर्ट की तीखी टिप्पणी, पुलिस पर भरोसा नहीं, मामले की जांच अब सीबीआइ करेगी

 

ग्वालियर। नाबालिग दलित लड़की से दुष्कर्म के आरोपियों की मदद करना पुलिस के पांच अफसरों को महंगा पड़ गया। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने पुलिस की भूमिका पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि पुलिस भरोसे लायक नहीं है। कोर्ट ने पांचों अफसरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने और जांच के लिए मामला सीबीआइ को सौंपने के आदेश दे दिए।

 

 

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दलित नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप मामले में दोषी टीआई मुरार और सब इंस्पेक्टर सहित अन्य पुलिसकर्मियों पर FIR के आदेश दिए, साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। विभागीय जांच के आदेश के साथ पांच पुलिस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से ग्वालियर-चंबल रेंज से बाहर भेजने और सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए।

 

 

कोर्ट ने कहा, वर्तमान जांच अधिकारी भी प्रथमदृष्टया लापरवाही और जांच में हेराफेरी का दोषी है और यह भी पाया गया कि पुलिस उन पर दबाव बनाने की हद तक चली गई थी। कोर्ट ने गंगासिंह को पीड़िता को अपमानित करने और धमकी देने का दोषी मानते हुए उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करने के आदेश दिए है। इस मामले में सुनवाई के दौरान ग्वालियर एसपी अमित सांघी भी उपस्थित होने के आदेश दिए थे। बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता अनिल मिश्रा ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।

 

ये है मामला

मुरार थाने में पीड़िता ने खुद पहुंचकर बताया था कि वो 15 वर्ष की है। उसने कहा कि सीपी कॉलोनी निवासी गंगा सिंह भदौरिया के मकान में झाड़ू-पोंछा करती है। 20 दिसंबर को उसे काम पर रखा था। उसी घर के एक हिस्से में किराए से रहती थी। 31 जनवरी की रात 8 बजे गंगा सिंह भदौरिया का नाती आदित्य भदौरिया और उसका एक दोस्त ने घर का दरवाजा बजाया। वो खाना बना रही थी। दरवाजा खोला तो आदित्य और उसके दोस्त ने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और पीड़िता का मुंह और हाथ-पैर बांध कर दुष्कर्म किया। जब पीड़िता ने शोर मचाया तो आदित्य के दादा गंगा सिंह भदौरिया वहां आए और आदित्य को लेकर चले गए। इसके बाद उन्होंने जातिसूचक गालियां दीं और कहा कि किसी को कुछ बताया तो जान से मार दूंगा। पीड़िता ने डायल 100 को फोन किया और मुरार थाने आ गई।

 

 

थाने में पीड़िता को बेल्ट से पीटा

रात 11:50 बजे एफआइआर दर्ज हुई। माता-पिता की अनुपस्थिति में मेडिकल नहीं हो पाया और इसके बाद रातभर थाने में ही रखा गया। सुबह टीआई ने पीड़िता से कहा- गंगासिंह भदौरिया सीधे इंसान हैं, इनके खिलाफ रिपोर्ट क्यों लिखवा रही हो। पीड़िता का आरोप है कि इसके बाद पीड़िता को एक पुलिसकर्मी कमरे में ले गई वहां 6-7 पुलिसकर्मी मौजूद थीं, उन्होंने उसे पट्टे से मारा। फिर बयान लिए और पुलिस कर्मियों ने कहा, तुम अपने बयान में ऐसा बोलो कि तुमने पैसों के लिए झूठा केस किया है और इस बयान की वीडियो रिकोर्डिंग भी कर ली गई। इसके बाद दोबारा कमरे में ले गए और उल्टा टांगकर मारा। इसके बाद टीआई ने पीड़िता से कहा कि तुम कोर्ट में भी वही बयान देना कि पैसों के लिए तुमने झूठी रिपोर्ट की है और अगर तुमने ऐसा बयान नहीं दिया, तो तुम वापिस थाने ही लौटकर आओगी, फिर तुम्हें उल्टा लटकाकर मारेंगे।

 

यह थे पुलिस अधिकारी

हाईकोर्ट ने मुरार थाना के टीआइ अजय पवार, एसआइ कीर्ति उपाध्याय के खिलाफ सीधे मामला दर्ज करने के लिए कहा है। एएसपी शहर सुमन गुर्जर, सीएसपी मुरार आरएन पचौरी, टीआइ सिरोल प्रीति भार्गव की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं।

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