इस अवसर पर मुख्य अतिथि कैट मध्यप्रदेश के अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन, चम्पाबाग मंदिर कमेटी के अध्यक्ष डॉ.वीरेन्द्र कुमार गंगवाल, सचिव अजीत कासलीवाल, जैन समाज के प्रवक्ता ललित जैन, भानू जैन, शुभम जैन, विवेक कुमार, अजय जैन का समाज की ओर से सम्मान किया गया।
इस अवसर पर धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए जैन मुनि विहर्ष सागर ने कहा कि मैं यह नहीं कहता कि किसी जरूरतमंद की मदद मत करो, किसी भूखे को खाना मत खिलाओ पर यह अवश्य कहूंगा कि जिसकी तुम मदद कर रहे हो उस पर ऐसा उपकार करो कि भविष्य में उसे तुम्हारी मदद की आश्यकता ही न पड़े। जरूरतमंद को रोजगार के साधन उपलब्ध करवाने का पुरूषार्थ करो उसे आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करो। क्योंकि अपना देश तभी संपन्न होगा जब यहां का प्रत्येक व्यक्ति आत्मनिर्भर बनने की ठान ले। दूसरों के भरोसे अपने जीवन की नैया को मत चलाओ, स्वयं पुरूषार्थ करोगे तभी सफलता के शिखर तक पहुंचोगे।