महाआर्यमन सिंधिया मध्य प्रदेश में ग्वालियर के सिंधिया परिवार की चौथी पीढ़ी है, जो सियासत में कदम रखने को तैयार हैं। महाआर्यमन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया व प्रियदर्शनी राजे सिंधिया के इकलौते बेटे हैं। इनके अलावा एक बेटे है अन्नया राजे सिंधिया। 17 नबंवर 1995 को जन्मे महाआर्यमन पिता को बाबा महाराज और मां को अम्मा महारानी कहते हैं। शुरुआती पढ़ाई पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह दून स्कूल से और हाल ही अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट की है।
माता-पिता की तरह राजनीति में दिलचस्पी
महाआर्यमन सिंधिया की अपने माता-पिता की तरह राजनीति में दिलचस्पी है। ये अक्सर अपनी मां प्रियदर्शनी राजे सिंधिया के साथ सार्वजानिक मंचों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित कर चुके हैं। जब भी ग्वालियर आते हैं लोगों के बीच पहुंचते हैं। महाआर्यमन सिंधिया को ग्वालियर के लोग युवराज कहकर संबोधित करते हैं। हमेशा बिना किसी लाव लश्कर के आम जनता से मिलते हैं और लोगों की समस्याएं भी सुनते हैं।
पिता के साथ किया था चुनाव प्रचार
लोकसभा चुनाव 2019 में ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना-शिवुपरी संसदीय सीट से चुनाव हार गए हैं, लेकिन महाआर्यमन लोकसभा चुनाव के दौरान पिता के साथ चुनाव प्रचार अशोकनगर भी पहुंचे। तब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आम आदमी की तरह सड़क पर चाट खाया। इस दौरान महाआर्यमन सिंधिया ने अपनी गाड़ी से उतरकर उतरकर खुद आलू टिकिया की चाट बनाई और साथ में मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी खिलाई।
महाआर्यमन सिंधिया कांग्रेस के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुत्र है। वह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते है। इसके साथ ही हाल ही मैं उन्होने अपने पिता को लेकर एक वीडियो भी वायरल किया था। इस वीडियो में उसूलों पे जहां आंच आए टकराना जरूरी है, गर जिंदा हो फिर जिंदा नजर आना जरूरी है।’ मध्य प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस वीडियो से सियासत गर्मा गई थी। इसके साथ ही वह कई कार्यक्रम में सिंधिया के साथ भी देखे जाते रहे हैं।
उर्स मेले के समापन अवसर पर अजमेर शरीफ से आई खास चादर भी पेश की गई। इस मौके पर अनेक दरगाहों के सज्जादानशीन एवं मस्जिदों के इमाम और मौलवी ने कुरान ख्वानी ने भाग लिया। सज्जादानशीन ख्वाजा राशिद खानूनी ने कुल का छींटा दिया। तेज सर्दी होने के बावजूद उर्स मेले में रौनक देखी गई।