सिंधिया के सम्मान की लड़ाई लडऩा है तो समर्थक मंत्री इस्तीफा दें और सड़क पर आकर सिंधिया के लिए लड़ाई लड़ें। सरकार और नेताओं के होश दो दिन में ठिकाने आ जाएंगे। वहीं सिंधिया समर्थक राजू चौधरी ने कहा है कि सिंधिया के कारण प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। कांग्रेस ने प्रदेश में सिंधिया को चेहरा बनाकर वोट हासिल किए। जनता ने कांग्रेस को इसलिए वोट दिए कि उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाएगी। लेकिन सरकार के गठन के समय सिंधिया को भुला दिया गया। चौधरी ने कहा कि बड़बोलेपन से काम नहीं चलेगा। सिंधिया परिवार गुटबाजी और विवादित राजनीति से हमेशा दूर रहा है।
नियुक्तियां लटकने का डर
प्रदेश में कांग्रेस सरकार के गठन के एक साल से भी अधिक का समय होने के बाद कार्यकर्ता निगम, मण्डल व प्राधिकरणों में नियुक्तियां नहीं होने से नाराज हैं। उनकी नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि लंबे इंतजार के बाद जो नियुक्तियां हुईं वे राजनीति से इतर की गईं। ग्वालियर विकास प्राधिकरण में अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए भी सिंधिया के करीबी पूर्व आइएएस अधिकारी का नाम चलने से भी कार्यकर्ता निराश हैं। चुनाव में पूरी ताकत लगाने वाले अब यही सोच रहे हैं कि जब कार्यकर्ताओं के अलावा ही नियुक्तियां होनी है तो क्या उनका उपयोग केवल स्वागत के लिए ही होता रहेगा। कार्यकर्ताओं को डर इस बात का भी है कि शीर्ष नेताओं के बीच चल रहे शीत युद्ध के कारण कहीं राजनीतिक नियुक्तियां न लटक जाएं।