पश्चिमी विक्षोभ से दो दिन बाद फिर बदलेगा मौसम, अब छाएंगे बादल
महाराजपुरा टीआइ मिर्जा आसिफ बेग ने बताया नीता ने शनिवार सुबह बेटे इंद्रपाल को स्कूल भेजने के बाद कमरा बंद कर खुद को गोली मारी थी। उन्होंने बताया था कि बीमारी से तंग हैं,तमाम कोशिश के बावजूद उससे निजात नहीं मिल रही है। बीमारी की वजह से बच्चों के लिए भी कुछ करने की स्थिति में नहीं हैं। जिंदगी से तंग आकर उन्होंने कदम उठाया है।
महाराजपुरा टीआइ मिर्जा आसिफ बेग ने बताया नीता ने शनिवार सुबह बेटे इंद्रपाल को स्कूल भेजने के बाद कमरा बंद कर खुद को गोली मारी थी। उन्होंने बताया था कि बीमारी से तंग हैं,तमाम कोशिश के बावजूद उससे निजात नहीं मिल रही है। बीमारी की वजह से बच्चों के लिए भी कुछ करने की स्थिति में नहीं हैं। जिंदगी से तंग आकर उन्होंने कदम उठाया है।
गोली लगने से नीता की हालत नाजुक बनी थी। उसमें सुधार नहीं हो रहा था तो परिजन उन्हें इलाज के लिए दिल्ली ले गए थे। लेकिन सफर पूरा नहीं हो सका। रास्ते में नीता ने दम तोड़ दिया। दोपहर बाद उनके शव का परीक्षण कराकर परिजन के सुपुर्द किया गया।
इलाज में रही लापरवाही
नीता के परिजन को टीस है कि घटना के बाद जेएएच में नीता के इलाज को लेकर चिकित्सकों का रवैया ठीक नहीं था। जख्मी हालत में नीता को जेएएच लेकर पहुंचे तो चिकित्सकों ने देख लिया था कि उनके पेट में गोली लगी है उसके बावजूद तुरंत इलाज शुरू नहीं किया। बल्कि कागजी कार्रवाई में उलझाते रहे। फिर एक्स-रे में मौजूद चिकित्सक चाय पीने में व्यस्त रहे। इसमें काफी समय बर्बाद हुआ। अगर नीता की हालत को देखकर गंभीरता से इलाज किया जाता तो गोली असर नहीं दिखाती।
नीता के परिजन को टीस है कि घटना के बाद जेएएच में नीता के इलाज को लेकर चिकित्सकों का रवैया ठीक नहीं था। जख्मी हालत में नीता को जेएएच लेकर पहुंचे तो चिकित्सकों ने देख लिया था कि उनके पेट में गोली लगी है उसके बावजूद तुरंत इलाज शुरू नहीं किया। बल्कि कागजी कार्रवाई में उलझाते रहे। फिर एक्स-रे में मौजूद चिकित्सक चाय पीने में व्यस्त रहे। इसमें काफी समय बर्बाद हुआ। अगर नीता की हालत को देखकर गंभीरता से इलाज किया जाता तो गोली असर नहीं दिखाती।