ऐसे पहुंची पुलिस सीएसपी नागेन्द्रसिंह सिकरवार ने बताया आशू कहां हो सकता है, परिवार के पास कोई क्लू नहीं था। घर से जाने के बाद उसने परिवार से एक बार भी संपर्क नहीं किया। चार साल पहले एसपी ने उसे अगवा करने वाले वाला पता लगाने पर 10 हजार का इनाम घोषित किया। करीब 15 दिन पहले आशू के अगवा केस की डायरी फिर खुली तो परिजन से फिर पूछा कि आशू से जुडी कोई जानकारी हो तो बताएं। इस बार परिवार ने उसका आधार कार्ड थमा दिया। यही उस तक पहुंचने का जरिया बन गया। आधार कार्ड का कहां कहां इस्तेमाल हुआ है इसे खंगाला तो पता चला आशू ने आधार नंबर से मोबाइल एयरटेल की सिम निकाली, फिर कुछ दिन बाद उसे जियो में कन्वर्ट किया था। इससे पता चल गया कि आशू मुंबई में है। सिम लेने के लगाए दस्तावेजों से उसका पता हासिल कर पुलिस सोमवार को मुंबई में आशू के ठिकाने पर पहुंच गई।
पुलिस से बोला गुस्से में ऐसे गुजारा वक्त
सीएसपी सिकरवार ने बताया पुलिस को सामने देखकर आशू समझ गया कि घर लौटना पड़ेगा। उसने बताया पिता ने डांटा था तो गुस्सा आ गया, घर छोड़ कर कानपुर चला गया वहां छह सात महीने होटल पर काम किया। फिर नोएडा आया यहां भी होटल पर नौकरी की 2019 में यहां से मुंबई के अंधेरी वेस्ट में पहुंचा। वहां पान की दुकान और होटल पर काम किया। इस दौरान कोविड आ गया तो फार्मा कंपनी के कॉल सेंटर में काम किया। उसके बाद जिदंगी ने पैंतरा बदला रीयल एस्टेट का कारोबार जमा लिया।
माता पिता को देखा, फूटकर रोया आशू मिल गया सुनकर उसके माता पिता खुशी से फूले नहीं समाए। मंगलवार शाम को दंपति बेटे के पहुंचने से पहले हजीरा थाने आ गए। पुलिस की टीम उसे लेकर आई तो माता पिता और आशू अपने आंसू नहीं रोक पाए।