तीन घंटे कर्मचारियों का इंतजार
बुधवार की दोपहर मृतक मायादेवी के दोनों बेटे एंबुलेंस से शव को लेकर लक्ष्मीगंज स्थित मुक्ति धाम पहुंचे। जहां नगर निगम के कर्मचारी विक्की ने महिला की बॉडी को जलाने से साफ मना कर दिया। कर्मचारी ने मृतक के बेटे सहित अन्य अधिकारियों से कहा कि 6000 रुपए के लिए हम अपनी जान जोखिम में नहीं डालेंगे। हम बॉडी को हाथ नहीं लगाएंगे नगर निगम चाहे तो हमें नौकरी से हटा दें। वहीं मृतक मायादेवी के बेटे का कहना है कि तहसीलदार ने तो हमसे बोला था कि अब आप तो बॉडी के साथ जाओ।
वहां आप तो सिर्फ मशीन का बटन दबाना और कुछ नहीं करना, मगर मैंने अपनी मां की बॉडी भी उठाई और यहां तक लाए और श्मशान में करीब तीन घंटे से कर्मचारियों का इंतजार भी किया लेकिन कोई भी मेरी मां की बॉडी जलाने वाला तैयार नहीं है। इस दौरान मृतक माया देवी का बेटा बार-बार यही कहता रहा कि अंतिम संस्कार करने की व्यवस्था नहीं है तो बॉडी हमें दे दो मगर तहसीलदार और नगर निगम के अधिकारी उनके बेटे को समझाते रहे। बाद में मृतक महिला माया देवी के दोनों बेटे और दामाद ने मिलकर शव को मशीन की प्लेट में रखा और शव का दाह संस्कार किया।