पिछले साल से दाम हैं तेज
तिली के दाम पिछले साल से करीब 30 रुपए किलो अधिक हैं। इससे गजक के दामों में 30 रुपए किलो की बढ़ोतरी हो गई है। बाजार में गुड़ और शक्कर की गजक 240 रुपए से 280 रुपए किलो तक बिक रही है। गजक कारोबारियों के मुताबिक गजक महंगी होने के बावजूद बिक्री बढ़ रही है, मकर संक्रांति तक इसमें और भी बढ़ोतरी होगी।
15 जनवरी को मकर संक्रांति ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी ने बताया कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा 365 दिन व 6 घंटे में पूरा करती है। वहीं चंद्र गणना के अनुसार 354 दिन का एक वर्ष होता है। इस प्रकार सूर्य गणना व चंद्र गणना के तरीके में प्रत्येक वर्ष 11 दिन तीन घड़ी व 46 पल का अंतर आता है। इसी कारण प्रमुख त्योहारों की तिथियां आगे-पीछे होती हैं, लेकिन मकर संक्रांति भगवान भाष्कर से जुड़ा है जो बारह राशियों में प्रवेश करता है। राशि प्रवेश को संक्रांति कहा जाता है। सनातन धर्म के अनुसार जिस साल सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात को होता है, उस वर्ष मकर संक्रांति दूसरे दिन सुबह यानी 15 जनवरी को मान्य होती है।
पहले जहां तिली से बनी शक्कर और गुड़ की गजक ही चलन में हुआ करती थी, वहीं समय के साथ इसमें बदलाव आ गया है। बाजार में चॉकलेट फ्लेवर, ड्रॉयफू्रट गजक समोसा, कुरकुरे गजक रोल आदि मौजूद हैं। इसके साथ ही मधुमेह के मरीजों को ध्यान में रखते हुए शुगर फ्री (नौ कैलोरी) गजक भी मौजूद है।
गजक कारोबारी बबलू गुप्ता ने बताया कि तेज सर्दी होने पर ही गजक की बिक्री बढ़ती है। इसके चलते इस बार बिक्री अच्छी हुई है। मकर संक्रांति तक इसमें और भी बढ़ोतरी होगी।