सुमित ने पहले तो पैसे देने से मना कर दिया और बाद में पांच रुपए उसे दे दिए। पांच रुपए देखकर वेंडर भड़क गया और यात्री से कहने लगा दस रुपए से कम नहीं लूंगा। इस बीच यात्री और वेंडर की झड़प भी हुई। इसके बाद यात्री ने रेल मंत्री पीयुष गोयल को ट्वीट कर दिया। रेलमंत्री ने तुरंत कार्रवाई करते हुए झांसी मंडल के डीआरएम को सूचना दी। डीआरएम ने ट्रेन में सुपरवाइजर को जानकारी भेजी। ट्रेन ललितपुर के पास ही थी कि सुपरवाइजर सतेंद्र सिंह यात्री की सीट पर पहुंचा और पूरा मामला सुना। इसके बाद ट्रेन में आइआरसीटीसी के सभी वेंडरों को यात्री के सामने बुलाया गया और यात्री ने उसकी पहचान कर ली।
गलती का अहसास होना चाहिए
सुपरवाइजर ने यात्री को भरोसा दिलाया कि ट्रेन भोपाल पहुंचते ही कर्मचारी को हम नौकरी से बाहर करवा देंगे, यात्री ने कहा कि वेंडर को नौकरी से नहीं निकालो। इस कर्मचारी को इसकी गलती का अहसास करा दो। इसके बाद भोपाल से दिल्ली जाने वाली शताब्दी में इस कर्मचारी को नहीं भेजा गया।
शताब्दी, दुरंतो राजधानी जैसी ट्रेनों में यात्री वेंडरों को टिप के नाम पर कोई भी पैसा नहीं दें। वहीं इस कार्रवाई के बाद सख्ती से ऐसे प्रकरणों को देखा जाएगा।
अश्विनी श्रीवास्तव, आइआरसीटीसी चीफ रीजनल मैनेजर