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ग्वालियर

मां थी डायलिसिस पर, पापा रह जाते अकेले, इसलिए छोड़ा दिल्ली एम्स में पढऩे का मौका

मां थी डायलिसिस पर, पापा रह जाते अकेले, इसलिए छोड़ा दिल्ली एम्स में पढऩे का मौका

ग्वालियरApr 19, 2019 / 11:51 am

Mahesh Gupta

gwalior ratna alankaran

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ग्वालियर रत्न अलंकरण से सम्मानित डॉ. शिराली रुनवाल

बेटियों को पैरेंट्स की फिक्र ज्यादा, इसका प्रमाण है शहर की बेटी

मेरी नीट पीजी में ऑल इंडिया रैंक-2 आई थी। इसके साथ ही इंडिया में मैं अकेली गल्र्स टॉपर थी। मेरे लिए एमएस (मास्टर ऑफ सर्जरी) करने के सभी कॉलेज के दरवाजे खुले थे, फिर भी मैंने ग्वालियर मेडिकल कॉलेज को चुना। क्योंकि मेरी मां (सुधा रुनवाल) डायलिसिस पर थीं और मैं पापा (अरविंद रुनवाल) को अकेला नहीं छोडऩा चाहती थी। मैंने बेटी होने का फर्ज निभाया। मां जयपुर में नाना के पास किडनी का इलाज करा रही हैं और मैं व पापा एक-दूसरे को संभाल रहे हैं। अभी न सही तो कुछ समय बाद मेरी मां ठीक होकर आ जाएंगी और हम फिर से एक नए जीवन की शुरुआत कर सकेंगे। मैं रोबोटिक सर्जन बनकर अपनी मां का सपना पूरा करने के लिए खूब मेहनत कर रही हूं। यह कहना है ग्वालियर रत्न अलंकरण से सम्मानित शिराली रुनवाल का, जिन्हें अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। सम्मान पाते ही शिराली की आंखों से आंसू छलक गए और पिता भी फफक कर रो पड़े। शिराली ने इस खुशी को सबसे पहले अपनी मां से शेयर किया। शिराली ने एमबीबीएस में 37 गोल्ड मेडल अपने नाम किए हैं। इसके साथ ही प्रेस्टीजियस अवार्ड में भी शिराली का ही कब्जा रहा। वह अभी तक विभिन्न विधाओं में 1000 से अधिक मेडल अपने नाम कर चुकी हैं।

8 कैटेगरी में प्रतिभाओं को मिला युवा सम्मान

जेसीआई ग्वालियर की ओर से 55वें स्थापना दिवस के अवसर पर ग्वालियर रत्न अलंकरण एवं अद्वितीय युवा प्रतिभा सम्मान का आयोजन गुरुवार को एक निजी होटल में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आईपीएस यूसी षडंगी एवं विशिष्ट अतिथि मंडल अध्यक्ष गुलनाज जावेद उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में ग्वलियर रत्न अलंकरण डॉ. शिराली रुनवाल को दिया गया। साथ ही अद्वितीय युवा सम्मान एकेडमिक एंड लीडरशिप में आकाश अरोरा, मेडिकल इनोवेशन में डॉ. आदित्य बंसल, वालियंटरी सर्विस में डॉ. वंदना शर्मा, बिजनेस एंड इकोनॉमिक्स में तरुण गोयल, मोरल एंड एन्वॉयर्नमेंट लीडरशिप में निरंजन देव भारद्वाज, साइंटिफिक एंड टेक्नोलॉजी डवलपमेंट में हेमंत कुमार शर्मा, कल्चरल एचीवमेंट में निशा शर्मा को दिया गया। इस अवसर पर अध्याय की वार्षिक पत्रिका ‘आस्था’ का विमोचन किया गया।

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