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ग्वालियर

65 साल पुराने म्यूजियम में महफूज हैं 2000 पशु-पक्षी

65 साल पुराने म्यूजियम में महफूज हैं 2000 पशु-पक्षी

ग्वालियरJul 14, 2018 / 03:22 pm

Gaurav Sen

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65 साल पुराने म्यूजियम में महफूज हैं 2000 पशु-पक्षी

ग्वालियर। शहर के संग्रहालयों में जहां पुरानी, बेशकीमती चीजें सहेजी गई हैं तो वहीं, हमारे कुछ कॉलेजेस में भी नॉलेज का बेशकीमती खजाना भरा पड़ा है। साइंस कॉलेज के 65 साल पुराने म्यूजियम में कई यूनिक चीजें प्रिजर्व कर रखी गई हैं। केआरजी कॉलेज और जीवाजी यूनिवॢसटी के म्यूजियम भी काफी समृद्ध है। साइंस कॉलेज में तो 2000 से ज्यादा पशु-पक्षियों के अवशेष संरक्षित कर रखे गए हैं। अच्छी देखरेख के बीच इन कॉलेजेस में रखी गई ये चीजें स्टूडेंट्स के लिए काफी मददगार हैं। इनसे स्टूडेंट्स को न केवल अपने सब्जेक्ट को ठीक से समझने में मदद मिलती है बल्कि प्रैक्टिकल से जुड़ी क्वेरीज भी आसानी से सॉल्व हो जाती है। इन संग्रहालयों में कई ऐसी चीजें भी हैं जो प्रदेश में और कहीं नहीं।

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जल्द देखने मिलेगा जियोलॉजिकल म्यूजियम
साइंस कॉलेज में जल्द ही जियोलॉजिकल म्यूजियम देखने को मिलेगा। जिसके लिए कॉलेज ने 10 करोड़ ग्रांट की मांग की है। ग्रांट मिलते ही 250 स्केवर मीटर में म्यूजियम के लिए हॉल बनाया जाएगा। म्यूजियम में ऐसे जीवाशम को लाया जाएगा जिनकी तादाद कम हो गई है या खत्म हो गई है डायनासोर के अंडे आदि फोसिलस लाए जाएंगे। जेम्स स्टोन, शेल, स्टोन आदि के नमूने म्यूजियम रखे जाएंगे। साथ ही इस म्यूजियम को आम पब्लिक भी देख सकेगी। पब्लिक को जेम्स स्टोन के बारे में बताया जाएगा।

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इनके स्केलेटन मौजूद
तेंदुआ, शेर, टाइगर, कवरबिच्छु, ह्यूमन, मगरमच्छ, मोर, आदि के स्केलेटन बनाने के लिए 1 से 2 साल लगते हैं। स्कलेटन बनाने के लिए जीव के आकार पर निर्भर करता है कि एक स्क लेटन को बनाने की प्रोसेस में कितना समय लगेगा।

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इनके हैं फीटस
म्यूजियम में 6 से 7 साल का हयूमन फीटस रखा है, जो कम से कम 35 साल पुराना है। जिससे स्टूडेंट्स प्रैक्टिस करते हैं, साथ ही भेड़, बकरी, सांप आदि के फीटस मौजूद हैं।
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