scriptहमारी राष्ट्रीय धरोहर है रामायण | Musical discourse on Srimad Valmiki Ramayana begins in Manas Bhavan | Patrika News
ग्वालियर

हमारी राष्ट्रीय धरोहर है रामायण

– मानस भवन में श्रीमद् वाल्मिकी रामायण पर संगीतमय प्रवचन प्रारंभ

ग्वालियरOct 27, 2020 / 11:48 pm

Narendra Kuiya

हमारी राष्ट्रीय धरोहर है रामायण

हमारी राष्ट्रीय धरोहर है रामायण

ग्वालियर. तुलसी मानस प्रतिष्ठान की ओर से फूलबाग स्थित मानस भवन में श्रीमद् वाल्मिकी रामायण पर संगीतमय प्रवचन की शुरूआत भगवान श्रीराम दरबार एवं गोस्वामी तुलसीदास के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुई। इस मौके पर उपेंद्र शिरगांवकर ने कथा प्रारंभ करते हुए कहा कि रामायण विश्व का आदिकाव्य है और इसलिए इस आदिकाव्य के रचयिता महर्षि वाल्मिकी को आदि कवि कहा गया है। इस ग्रंथ से पूर्व विश्व की धरा पर साहित्य के रूप में कोई गं्रथ अस्तित्व में नहीं था। वर्तमान में करीब 200 से अधिक रामायण विभिन्न भाषाओं में अपने प्रांतों में उपलब्ध है, जिनका मूल और संदर्भ श्रीमद् वाल्मिकी रामायण ही है। चूंकि हम मूल रामायण से दूर हैं इसलिए राम चरित्र पर अनेक आक्षेप लगाए जाते हैं। यदि हम मूल ग्रंथ को पढ़ेंगे तो इन आरोपों व आक्षेपों का निराकरण संभव है। यह आदि ग्रंथ हमारी राष्ट्रीय धरोहर है। उक्त प्रवचनल 31 अक्टूबर तक होंगे। इस मौके पर अभय पापरीकर, महेश मुद्गल, राकेश दीक्षित, जेपी पाठक आदि मौजूद थे।
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