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मोबाइल ऐप भी बनाया जा रहा है, ताकि लोग घर बैठे टैक्स जमा कर सकें। ऑनलाइन बिलिंग में सबसे पहले जलकर को शामिल किया गया है, ताकि पानी के अपव्यय को रोका जा सके। इसके अलावा स्वच्छताकर, प्रवेश कर, गौण खनिज कर, संपत्तिकर, कांजी हाउस कर, तहबाजारी कर सहित अन्य माध्यमों से होने वाली आय के साधनों को भी ऑनलाइन करने की प्रक्रिया जारी है।ऑनलाइन खाता नहीं, एटीएम नंबर भी किसी को नहीं बताया फिर भी खाते से निकल गए गए रुपए
इन पंचायतों में हुई शुरुआतभितरवार जनपद की गोहदा,एराया,अमरोल,करहिया, ककरधा,गड़ाजर, मोहनगढ़,घरसोंदी,दुबहा टांका,भोरी,चीनोर और सांखनी घाटीगांव जनपद की ओडपुरा, घाटीगांव, मोहना पंचायत में एवं मुरार जनपद की उटीला, डांगगुठीना, आरोरा, हस्तिनापुर और बड़ेरा फुटकर में ऑनलाइन बिलिंग शुरू हो गई है। साथ ही डबरा जनपद में ऑनलाइन बिलिंग के लिए अभी काम किया जा रहा है।
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इसलिए हुई शुरुआत
परियोजना अधिकारी अनुपम शर्मा ने बताया कि पंचायतों को स्वयं की आय के स्रोत विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य और केन्द्रीय वित्त आयोग ने भी शर्त रखी है कि स्वयं की आय करने वाली पंचायतों को निश्चित अनुपात में पैसा मिलेगा।
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यह है स्लैब-घरेलू जल कनेक्शन पर प्रतिमाह 60 रुपए।
-व्यावसायिक जल कनेक्शन पर प्रतिमाह 200 रुपए।
-औद्योगिक जल कनेक्शन पर 1 हजार रुपए प्रतिमाह या मीटर के अनुसार बिल लिया जाएगा।
अच्छे परिणाम आ रहे
जिला पंचायत ग्वालियर सीइओ शिवम वर्मा ने बताया कि पंचायतों को सशक्त और वित्तीय रूप से सुदृढ़ करने के लिए यह प्रयास किया गया है। इसके अच्छे परिणाम आ रहे हैं। उपभोक्ताओं को कर चुकाना सुगम हो रहा है। जलकर से शुरुआत इसलिए की, क्योंकि सबसे ज्यादा अपव्यय पानी का ही होता है, करारोपण के बाद लोगों में जल बचाने की प्रवृति बढ़ेगी।